न्यूयॉर्क , अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, जो पूरी दुनिया में सबसे अधिक माना जा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से भारत-अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों में तनाव बढ़ गया है। हालांकि, अब अमेरिका का रुख नरम होता दिखाई दे रहा है। अमेरिकी ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने हाल ही में कहा कि वाशिंगटन भारत के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करना चाहता है। उनका यह बयान उस समय आया है जब ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने से रोकने की बात कही थी।
भारत के साथ उज्ज्वल भविष्य देखता है अमेरिका
न्यूयॉर्क फॉरेन प्रेस सेंटर में समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में राइट ने कहा कि अमेरिका का उद्देश्य भारत पर दंडात्मक शुल्क लगाना नहीं है, बल्कि उसका लक्ष्य यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई को समाप्त करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका भारत के साथ उज्ज्वल भविष्य देखता है और यूक्रेन संकट पर अधिक समन्वय चाहता है।
राइट ने कहा कि भारत रूस से तेल इसलिए खरीद रहा है क्योंकि वह सस्ता है, लेकिन दुनिया में कई अन्य तेल निर्यातक देश मौजूद हैं। उन्होंने कहा, *हम चाहते हैं कि भारत हमारे साथ मिलकर तेल खरीदे। आप दुनिया के किसी भी देश से तेल खरीद सकते हैं, बस रूसी तेल नहीं। यही हमारा रुख है।
भारत एक खास ऊर्जा पार्टनर
अमेरिकी ऊर्जा सचिव ने आगे कहा कि अमेरिका भारत को एक खास ऊर्जा साझेदार मानता है। उन्होंने दावा किया कि भारत, रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के अमेरिकी लक्ष्य से सहमत है। राइट ने कहा, *मैं भारत का बड़ा प्रशंसक हूं। हम भारत से प्यार करते हैं और उसके साथ अधिक ऊर्जा व्यापार और पारस्परिक आदान-प्रदान की आशा रखते हैं। गौरतलब है कि ट्रंप ने भारत पर आरोप लगाया था कि वह रूस से रियायती कच्चा तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन पर रूसी हमलों को बढ़ावा दे रहा है।