कोरोना के बीच हरिद्वार में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़…बिना मास्क हर कोई दिखा बेफिक्र
हरिद्वार । हरिद्वार में बैसाखी पर्व स्नान तो सकुशल संपन्न हो गया, लेकिन अब कोरोना के प्रसार की आशंका बढ़ गई। देशभर में बढ़ते कोरोना के प्रसार को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्नान के मद्देनजर कोविड एसओपी तो जारी की लेकिन लागू नहीं हो सकी। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के रैंडम थर्मल स्कैनिंग करने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी कहीं नजर नहीं आई। श्रद्धालु तो दूर ड्यूटी कर्मी बेखौफ होकर बिना मास्क हरकी पैड़ी और आसपास घाटों पर घूमते दिखे। कोविड की एसओपी कागजों तक सिमटकर रह गई। उत्तराखंड के साथ देश के कई राज्यों में कोविड संक्रमण फिर से फैलने लगा है। हरिद्वार में भी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। शुक्रवार को बैसाखी के पर्व स्नान पर देशभर से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने आनन-फानन में बृहस्पतिवार की रात कोविड एसओपी जारी की।
इसमें मेला क्षेत्र के अलावा होटल, लॉज, धर्मशालाओं में ठहरने वालों की रैंडम थर्मल स्कैनिंग करने के साथ ही सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने की अनिवार्यता के आदेश जारी किए। स्वास्थ्य विभाग सीमित संसाधनों और कर्मियों के चलते थर्मल स्कैनिंग नहीं कर सका। बैसाखी पर्व स्नान पर लाखों श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। हरकी पैड़ी पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ शुरू हो गई थी। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पर्व पर 9 लाख 45 हजार लोगों ने किया हरिद्वार में गंगा स्नान किया। अलग-अलग राज्यों से गंगा स्नान के लिए पहुंचे भक्तों ने मंदिरों में दर्शन भी किए। हरकी पैड़ी पर स्नान कर गंगा पूजन के बाद श्रद्धालु मां मनसा देवी और मंडी चड़ी देवी, श्री दक्षिण काली मंदिर पहुंचे। चंडी और मनसा देवी के लिए रोप-वे टिकट की मारामारी रही। टिकट के लिए श्रद्धालुओं को घंटों कतार में जूझना पड़ा। मंदिरों में देवी के दर्शनों के लिए भी घंटों कतार लगी।
चारधाम यात्रा से पूर्व बैसाखी के स्नान पर उमड़ी भीड़ से व्यापारी खुश नजर आए। बाजारों में देर रात तक चहल पहल रही। अपर रोड जीरो जोन रहा। बाजार में हरकी पैड़ी के लिए आवाजाही करने वाले यात्रियों का हुजूम उमड़ा। श्रद्धालुओं ने पूजन सामग्री के अलावा अन्य जरूरत के सामान की खरीदारी की।