बिग ब्रेकिंग

राज्यसभा में जमकर बरसे अमित शाह, अनुच्छेद 370 पर ‘सुप्रीम’ फैसले को लेकर विपक्ष को जमकर घेरा

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण दिन है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज दोनों विधेयक पारित हो जाएंगे और यह जम्मू-कश्मीर और भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। आज सुप्रीम कोर्ट ने भी जम्मू-कश्मीर (पुनर्गठन) विधेयक 2019 के पीछे की मंशा, इसकी संवैधानिक वैधता और प्रक्रिया को बरकरार रखा है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने माना कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था। अगर अनुच्छेद 370 इतना उचित और इतना जरूरी था तो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसके आगे अस्थायी शब्द का उपयोग क्यों किया? जो लोग कहते हैं कि अनुच्छेद 370 स्थायी है, वे विधानसभा और संविधान की मंशा का अपमान कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था यानी याचिकाकर्ता का यह दावा कि अनुच्छेद 370 को कभी हटाया नहीं जा सकता, इसे सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा कि परसों भी कई सवाल उठाए गए। लोकसभा में कहा गया कि बिल लंबित है और जल्दबाजी में लाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट न्याय करेगा और हमें इसका इंतजार करना चाहिए। ये सभी स्टैंड न्याय के लिए नहीं, बल्कि पीएम मोदी की ओर से लिए गए फैसलों को रोकने के लिए थे।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि राज्यपाल शासन और राष्ट्रपति शासन की घोषणाओं को चुनौती देना ठीक नहीं है। जब अस्थायी प्रावधान किया गया तो सवाल उठा कि अगर यह अस्थायी है तो इसे हटाया कैसे जाएगा? इसलिए अनुच्छेद 373 के अंदर यह प्रावधान डाला गया कि राष्ट्रपति धारा 370 में संशोधन कर सकते हैं, उस पर प्रतिबंध लगा सकते हैं और उसे संविधान से पूरी तरह बाहर भी कर सकते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ गया है। फिर भी कांग्रेस के नेता कहते हैं कि वे इसे स्वीकार नहीं करते हैं और वे मानते हैं कि धारा 370 को गलत तरीके से हटाया गया। मैं उन्हें यह नहीं समझा सकता कि वास्तविकता क्या है? अनुच्छेद 370 ने अलगाववाद को बढ़ावा दिया और अलगाववाद के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिला। एक गलत फैसला हो सकता है, लेकिन जब इतिहास और समय यह साबित कर दे कि वह फैसला गलत है तो राष्ट्रहित की ओर लौटना चाहिए। मैं अब भी कहता हूं, वापस आ जाओ नहीं तो अब कितने (सदन के लिए चुने गए सांसद) बचे हैं, वह भी नहीं रहेंगे। अगर आप आज भी इस फैसले पर कायम रहना चाहते हैं तो जनता देख रही है- 2024 में मुकाबला होगा और पीएम मोदी तीसरी बार पीएम बनेंगे।
अमित शाह ने कहा कि पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब नए परिसीमन आयोग के बाद 43 सीटें हो गई हैं। पहले कश्मीर में 46 सीटें थीं, अब 47 हैं और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 24 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं, क्योंकि ढङ्मङ हमारा है। मैं फिर से कह रहा हूं कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (ढङ्मङ) भारत का है, हमारा है और इसे हमसे कोई नहीं छीन सकता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!