देहरादून। अखिल भारतीय आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर फेडरेशन के राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर मई के पहले सप्ताह में अखिल भारतीय हड़ताल का निर्णय लिया गया है। नई दिल्ली में आयोजित सम्मेलन में 18 राज्यों से करीब तीन हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एकत्र हुईं थीं। इस सम्मेलन में उत्तराखंड से करीब सौ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। सम्मेलन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के नियमितीकरण और एकीकृत बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) के संस्थागतकरण की मांगों पर तीन करोड़ हस्ताक्षर एकत्र किए जाने का भी निर्णय लिया गया है। जिन्हें ज्ञापन के साथ राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। सम्मेलन में सीआईटीयू के महासचिव तपन सेन ने कहा कि केंद्र सरकार कॉरपोरेट्स की लूट के लिए सभी लोकतांत्रिक अधिकारों को कमजोर कर रही हैं। प्रो. उत्सा पटनायक ने कहा कि सरकार के दावों के विपरीत भारत में बाल कुपोषण और महिलाओं में एनीमिया की दर बढ़ी है। इसलिए, आईसीडीएस जैसी योजनाओं को मजबूत करना बेहद जरूरी है।आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका कर्मचारी यूनियन की प्रांतीय महासचिव चित्रकला ने बताया कि सम्मेलन में नियमितीकरण लंबित रहने तक हेल्परों को 26 हजार रुपये प्रतिमाह और श्रमिकों को 32 हजार रुपये प्रतिमाह न्यूनतम वेतन दिए जाने की मांग भी उठी। इसके साथ ही 45वीं और 46वीं भारतीय श्रम संगठन की सिफारिशों के अनुसार पेंशन, ईएसआई, पीएफ आदि प्रदान किए जाने की मांग भी प्रमुखता से उठी। चित्रकला ने बताया कि सम्मेलन में उन्होंने उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्परों को अतिरिक्त सुविधाएं दिए जाने की मांग उठाई।