कर्मचारियों की उपेक्षा पर ऊर्जा निगम प्रबंधन के खिलाफ गुस्सा

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विकासनगर। उत्तराखण्ड ऊर्जा कामगार संगठन यमुना वैली डाकपत्थर ने निगम प्रबंधन पर तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए अधिशासी निदेशक लखवाड़-व्यासी परियोजना कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। ऊर्जा कर्मियों ने कहा कि प्रबंधन उनकी अनदेखी कर रहा है जबकि सभी कर्मचारी राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं में योगदान दे रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे ऊर्जा कर्मियों ने कहा कि स्टाफ स्ट्रक्चर के पुनर्गठन में तृतीय श्रेणी पदों की समानुपातिक वृद्धि की अनदेखी की गई है। वेतन रिकवरी जैसी कार्रवाई केवल तृतीय श्रेणी कर्मचारियों पर की जा रही है। सहायक लेखाकार के पदों को विभागीय परीक्षा के बजाय पदोन्नति से भरने का निर्णय निदेशक मंडल द्वारा लिया गया। संगठन ने कहा कि यह निर्णय लेने से पहले संगठन को विश्वास में नहीं लिया गया। प्रदर्शन कर रहे कार्मिकों ने कहा कि फरवरी 2024 में हुई वार्ता के बावजूद सीट रोटेशन प्रणाली लागू नहीं की गई। कर्मचारियों ने निगम प्रबंधन पर बीओडी बैठक में शासन के सामने भ्रामक और अधूरे तथ्य रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे कुछ चुनिंदा कार्मिकों को नियम विरुद्ध लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सहायक लेखाकार संवर्ग में 40 प्रतिशत कोटे के तहत रिक्त पदों को परीक्षा के बजाय पदोन्नति से भरा गया तो पूरे ऊर्जा प्रदेश में आंदोलन छेड़ा जाएगा। इसकी जिम्मेदारी निगम प्रबंधन की होगी। प्रदर्शन करने वालों में मुकुल द्विवेदी, राहुल कुमार, सागर साद, मनोज कुमार, कमल कुमार, राजेश चौहान, अमित पाल, विशाल गुप्ता, हिगाणु भट्ट, सनूप पंवार, जितेन्द्र कुमार, प्रदीप कुमार, साविता और रेखा देवी आदि कार्मिक शामिल रहे।

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