देवप्रयाग में झूला पुल निर्माण हो रही देरी पर लोगों में रोष
नई टिहरी। तीर्थनगरी में स्थित करीब 180 साल पुराने अलकनंदा झूला पुल की जर्जर स्थिति होने के बावजूद नये झूला पुल निर्माण में हो रही देरी से देवप्रयाग के लोगों में रोष बना है। लोनिवि की ओर से पुल के दोनों ओर पर पैदल आवाजाही करने को लेकर पूर्व में चेतावनी बोर्ड लगाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी गई है। गुजरात के मोरबी में हुए भयावह पुल हादसे के बाद देवप्रयाग के जर्जर अलकनंदा झूला पुल के लिए कई स्तर पर कोशिश शुरू हो गयी है। ईई लोनिवि श्रीनगर आरपी नैथानी ने बताया कि अलकनंदा नदी पर सौ मीटर स्पान का नया स्टीलट्रेस आर्क पुल प्रस्तावित है। पुल निर्माण हेतु 541 लाख का एस्टिमेट केंद्र सरकार सहित राज्य योजना में भेजा गया है। पुल के पौड़ी जिला स्थित छोर पर 18 लाख में एक भवन का अधिग्रहण भी किया गया है। प्रदेश में वर्ल्ड बैंक द्वारा अलकनंदा सहित 20 अन्य पुलों के निर्माण हेतु जल्द फंडिंग किये जाने की संभावना है। फिलहाल पौड़ी जिले के 35 गांवों व लगभग छह सौ छात्र-छात्राओं के आवागमन का एक मात्र अलकनंदा जर्जर झूला पुल की सलामती की सभी के लिये दुआ की गई है। टिहरी राजशाही के इस पुल की वर्ष1895 में नैनीताल के प्रधान बच्ची गौड़ द्वारा मरम्मत किये जाने का यहां लगा शिलालेख इसकी प्राचीनता को दर्शाता है।