बिना सूचना बाईपास प्रभावितों के भवन ध्वस्त करने पर रोष

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राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास विरोध संघर्ष समिति ने जाताया रोष
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सनेह क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास विरोध संघर्ष समिति ने एनएचएआई और तहसील प्रशासन पर बिना किसी पूर्व सूचना के बाईपास प्रभावितों के आवास ध्वस्त करने पर रोष व्यक्त किया है। कहा के प्रभावितों का पहले विस्थापन किया जाना चाहिए था।
गुरुवार को बाईपास प्रभावित समिति के अध्यक्ष आशीष रावत के नेतृत्व में प्रभावित लोग तहसील में एकत्रित हुए। यहां उन्होंने एनएचएआई और तहसील प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने उपजिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। समिति अध्यक्ष आशीष रावत ने कहा कि वर्तमान में सनेह क्षेत्र से राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास निर्माण कार्य में आ रहे अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। अतिक्रमण में कुछ भू स्वामियों के मकान भी चिन्हित किए गए हैं। आरोप लगाया कि तहसील प्रशासन की ओर से बुधवार को बगैर सूचना के एक आवासीय भवन को ढहा दिया गया, जिस कारण पीड़ितों को अन्यत्र शरण लेनी पड़ रही है। कहा कि एनएच ऐक्ट 1956 के अनुसार अगर पीड़ित पक्ष सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है तो वह आब्रीट्रेशन में जाने के लिए स्वतंत्र है, वहीं दूसरी ओर आब्रीट्रेटर की ओर से इस मामले में अभी तक कोई निर्णय ही नहीं दिया गया है, लेकिन संबधित विभाग तहसील प्रशासन की मदद से पीड़ितों को धमकाकर पुलिस बल के साथ उनको जबरदस्ती बेदखल कर उनके आवासीय भवन को ध्वस्त कर रहा है, जिसे न्याय संगत नहीं कहा जा सकता। तत्पश्चात प्रभावितों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को मांग पत्र प्रेषित किया। प्रदर्शन करने वालों में वीरेंद्र कुमार, आशा देवी, प्रेम सिंह, उषा देवी, कांती देवी, सुनीता देवी, बबीता रावत, ललिता रावत, केशर सिंह और हेमंत कुमार सहित अन्य बाइपास प्रभावित मौजूद रहे।

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