आक्रोशित महिलाओं ने डीएफओ को किया कमरे में बंद

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रुद्रप्रयाग : कांडा गांव में गुलदार द्वारा निवाला बनाई गई महिला के बाद ग्रामीणों का आक्रोश शांत नहीं हो रहा है। सोमवार को गांव गईं डीएफओ सहित एसडीओ और रेंजर सहित कई वन कर्मियों को महिलाओं ने वन पंचायत के कमरे में बंद कर दिया। इस दौरान वन विभाग और प्रशासन के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी। महिलाएं गुलदार को शूट करने की मांग पर अड़ी हैं। आधे घंटे बाद आश्वासन मिलने पर महिलाओं ने कमरा खोला। जखोली ब्लॉक के कांडा चमसारी तोक में घटना के तीसरे दिन भी गुलदार पकड़ से बाहर है। हालांकि वन विभाग ने यहां चार पिंजरे लगाए हैं, किंतु गुलदार का कोई पता नहीं लग पाया है।
सोमवार को वन विभाग के अधिकारियों को गांव में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पहले अधिकारियों का घेराव किया गया और फिर अधकारियों को कमरे में बंद कर दिया। रुद्रप्रयाग वन प्रभाग की प्रभागीय वनाधिकारी कल्याणी जब गांव पहुंचीं तो दोपहर 12 बजे करीब उन्हें ग्रामीणों का आक्रोश झेलना पड़ा। इस दौरान डीएफओ के साथ ही एसडीओ दिवाकर पंत, रेंजर हरीश थपलियाल सहित कई वन कर्मियों को ग्रामीण महिलाओं ने वन पंचायत के भवन में बंद कर दिया। जबकि बाहर से वन विभाग और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। महिलाओं की एक ही मांग थी कि गुलदार को हर हाल में शूट किया जाए। हालांकि वन विभाग द्वारा भरोसा दिया गया कि पहले गुलदार की पहचान होने दी जाए, उसके बाद ही शूट करने का प्रयास किया जाएगा। विभाग के पास विभागीय शूटर भी उपलब्ध हैं। बताया कि गुलदार को पकड़ने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। करीब एक आधे घंटे तक वन पंचायत भवन के बाहर हंगामा चलता रहा। हालांकि बाद में फिर कमरा खोल दिया गया। इधर, हंगामे के बाद डीएफओ ने गांव में विभिन्न स्थानों पर लगाए गए चार पिंजरों का भी निरीक्षण किया। साथ ही ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन कर्मियों को तत्पर रहने के निर्देश दिए। दक्षिण जखोली रेंज के रेंजर हरीश थपलियाल ने बताया कि गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम क्षेत्र में मुस्तैद है। सोमवार को महिलाओं को घास लेने के दौरान वन कर्मियों द्वारा पूरी सुरक्षा दी गई। (एजेंसी)

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