दुगड्डा ब्लॉक के अंतर्गत भट्टगांव व जयगांव में बनी समस्या
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : एक समय था जब दुगड्डा ब्लाक के अंतर्गत भट्टगांव व जयगांव बेहतर खेती के लिए पहचाना जाता था। लेकिन, धीरे-धीरे गांव तक पहुंच रहे जंगली जानवर काश्तकारों की खेती को नुकसान पहुंचाने लगे। फसल को जंगली जानवरों से बचाने के लिए सरकारी सिस्टम ने लाखों रुपये की लागत से गांव में फेंसिंग लाइन बिछाई। लेकिन, वर्तमान में यह फेंसिंग लाइन देखरेख के अभाव में पूरी तरह टूट चुकी है। नतीजा, जंगली जानवर काश्तकारों की मेहनत को बर्बाद करने लगे और काश्तकारों ने धीरे-धीरे खेती से मुंह मोड़ लिया।
करीब छह वर्ष पूर्व भट्टगांव व जयगांव में डेढ़ सौ से अधिक परिवार रहते थे। पूरा क्षेत्र बेहतर खेती के लिए पहचाना जाता था। लेकिन, जंगली जानवर आबादी में पहुंचकर फसल को नुकसान पहुंचा देते थे। ग्रामीणों की शिकायत के बाद वन विभाग ने जंगली जानवरों को रोकने के लिए गांव के आसपास फेंसिंग लाइन बिछाने की योजना बनाई गई। वर्ष 2019 में करीब 65 लाख रुपये की लागत से साढ़े छह किलोमीटर के क्षेत्र में फेंसिंग लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण हुआ। लेकिन, तीन वर्ष बाद ही फेंसिंग लाइन ने जवाब देने शुरू कर दिया था। ग्रामीण मुकेश भट्ट ने बताया कि वर्तमान में फेंसिंग लाइन कई स्थानों पर टूट चुकी है। स्थिति के बारे में कई बार वन विभाग को अवगत करवा चुके हैं। लेकिन, आज तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर झांकने तक नहीं पहुंचा। जबकि, होना तो यह चाहिए था कि समय-समय पर फेंसिंग लाइन का निरीक्षण कर इसकी देखरेख की जाती।
गांव छोड़ रहे ग्रामीण
भट्टगांव व जयगांव के ग्रामीणों की आर्थिकी खेती पर ही टिकी हुई थी। लेकिन, जंगली जानवर आए दिन उनकी खेती को नुकसान पहुंचा देते हैं। नतीजा, मेहनत के बाद भी फल नहीं मिलने से परेशान ग्रामीणों ने खेती से मुंह मोड़ लिया है। ऐसे में वह रोजगार के लिए गांव से पलायन को भी मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले पांच वर्षों में बीस से अधिक परिवार गांव से पलायन कर चुके हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से फेंसिंग लाइन की मरम्मत करवाकर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की मांग की है।