अंकिता हत्याकांड : तीनों आरोपी दोषी करार, न्यायालय ने सुनाई उम्र कैद की सजा
शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने सुनाया अंतिम फैसला
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने शुक्रवार को अपना अंतिम फैसला सुनाया। कोर्ट ने तीनों आरोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है। मामले में पुलकित आर्य पर 72 हजार और अंकित गुप्ता व सौरभ भाष्कर को 62-62 हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। साथ ही प्रदेश सरकार को मृतका के माता-पिता को चार लाख रूपए प्रतिकर देने के निर्देश दिए गए हैं।
मालूम हो कि, 28 अगस्त 2022 को ग्राम डोभा-श्रीकोट निवासी 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ने लक्ष्मणझूला स्थित वनंतरा रिसोर्ट में रिसेप्शनिस्ट का कार्य शुरु किया था। 18 सितंबर 2022 को वह संदिग्ध अवस्था में लापता हो गई थी। मामले में अंकिता के पिता की तहरीर पर रिसोर्ट स्वामी पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता व सौरभ भाष्कर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए 22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी ने यह मामला नियमित पुलिस को हस्तांतरित कर दिया। रेगुलर पुलिस के पास मामला पहुंचते ही 22 सितंबर को ही पुलिस ने रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर व सहायक प्रबंधक अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को गिरफ्तार कर दिया। उनके खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने, अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दिया। तीनों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपियों ने युवती के चीला नहर में गिरने की बात कही, जिसके बाद पुलिस ने नहर में युवती की तलाश शुरू कर दी। 24 सितंबर को अंकिता का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से बरामद किया गया। लगभग 32 महीने तक न्यायालय में मामला चलता रहा। बीती 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया। करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचक समेत 47 गवाह अदालत में परीक्षित कराए गए। हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश कराया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता व विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने मामले में तीनों आरोपितों को दोषी पाया। बताया कि तीनों आरोपितों को हत्या के मामले में आजीवन कारावास सुनाया गया है। साथ ही अलग-अलग धाराओं में सजा व अर्थदंड की सजा सुनाई है। पुलकित आर्य को धारा 302 (हत्या) में कठोर आजीवन कारावास व पचास हजार रुपए अर्थदंड, धारा 201 (साक्ष्य छिपाने) के मामले में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दस हजार रूपए का अर्थदंड, 354ए (यौन उत्पीड़न) में दो वर्ष का कठोर कारावास व दस हजार रूपए जुर्माना और 5(1)(घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। सौरभ भास्कर को धारा 302 (हत्या) में कठोर आजीवन कारावास व पचास हजार रुपए अर्थदंड, धारा 201 (साक्ष्य छिपाने) के मामले में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दस हजार रूपए का अर्थदंड और 5(1)(घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को धारा 302 (हत्या) में कठोर आजीवन कारावास व पचास हजार रुपए अर्थदंड, धारा 201 (साक्ष्य छिपाने) के मामले में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दस हजार रूपए का अर्थदंड और 5(1)(घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। तीनों आरोपितों की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
मामले में कब और क्या हुआ
-रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने 20 सितंबर 2022 को अंकिता के गुम होने की राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में शिकायत की।
-लोगों का प्रदर्शन शुरू हुआ तो 22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी के आदेश से यह मामला नियमित पुलिस लक्ष्मणझूला थाने को दिया गया।
-लक्ष्मणझूला पुलिस ने जांच की और पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने 18 सितंबर को उसकी हत्या कर दी।
-हत्या का कारण यही आया कि तीनों उस पर अनैतिक कार्यों को करने का दबाव डाल रहे थे। राज बाहर न आए इसलिए उसे चीला नहर में धक्का दे दिया।
-22 सितंबर को पुलिस ने मुकदमे से अपहरण की धारा हटाकर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षडयंत्र की धारा जोड़ दी।
-23 सितंबर को न्यायालय के आदेश पर तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस दौरान भी लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया। 24 सितंबर को अंकिता भंडारी का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से बरामद किया गया।
-24 सितंबर को ही अंकिता का एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
-24 सितंबर को एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था के निर्देश पर मुकदमे की विवेचना के लिए डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया।
-26 सितंबर को तीनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर क्राइम सीन दोहराया गया।
-विवेचना के दौरान आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धाराएं भी मुकदमे में जोड़ दी गईं।
-16 दिसंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने, छेड़खानी और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई।
-30 मई को फैसला दिय गया।