उत्तराखंड

खनन नीति के विरोध में अन्ना टीम करेगी देश व्यापी आंदोलन: चौधरी

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जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर गढ़वाल। अन्ना टीम राष्ट्रीय लोक आंदोलन के सदस्य एवं किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष भोपाल सिंह चौधरी ने प्रदेश सरकार पर खनन और क्रशर नीति में परिवर्तन के निर्णय को गंगा की पवित्रता और अविरलता के लिए अधिक घातक बताया। कहा कि सरकार का यह कदम चुनाव के लिए पैसा इकठ्ठा करने वाला निर्णय है। उन्होंने कहा कि धामी सरकार द्वारा स्टोन क्रशर एवं गंगा में खनन नीति के विरोध में मातृ सदन के माध्यम से स्वामी शिवानंद के नेतृत्व में अन्ना टीम देश व्यापी आंदोलन शुरू करने जा रही है।
सोमवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए चौधरी ने कहा कि धामी सरकार द्वारा स्टोन क्रशर एवं गंगा में खनन नीति के विरोध में आंदोलन की रूपरेखा हरिद्वार मातृ सदन में तय की जाएगी। उन्होंने गंगा की अविरलता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के कारण अलकनंदा नदी का करीब 4 किलोमीटर क्षेत्र सूखा पड़ा है। परियोजना संचालन कंपनी की ओर से मुख्य धारा में मात्र पांच फीसदी पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि शर्तों के अनुसार 25 फीसदी पानी छोड़ा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत अक्तूबर 2018 में सरकार ने नदी से पांच किमी दूर स्टोन क्रशर लगाने का आदेश जारी किया। किंतु धामी सरकार ने इस नियम को पहले तीन फिर डेढ़ किलोमीटर और अब मंत्रियों के चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए 100 मीटर कर दिया है। चौधरी ने कहा कि गंगा पर कानून बनाने के लिए स्वामी सानंद (जीडी अग्रवाल) ने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। लेकिन आश्वासन के बाद भी सरकार दो वर्षों से ड्राफ्ट को लोकसभा में पेश नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि स्वामी के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। आरोप लगाया कि सरकार गंगा घाटों के निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। यह घाट हर बरसात में बह रहे हैं। सरकार का यह कार्य गंगा के नाम पर अपने चहेतों को ठेका देने के लिए किया जा रहा है। इस मौके पर निखिल भारती, गौरव भंडारी, हिमांशु, दीपक कुमार आदि मौजूद रहे।

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