जयन्त प्रतिनिधि।
रूद्रप्रयाग : बी.एड. की फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड में नौकरी करने पर जनपद रुद्रप्रयाग के एक और फर्जी शिक्षक को 07 वर्ष का कठोर कारावास तथा 15000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। दोषसिद्ध शिक्षक त्रिलोक सिह कठैत को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर दण्डादेश भुगतने हेतु जिला कारागार पुरसाड़ी, (चमोली) भेजा गया।
जनपद रुद्रप्रयाग में तैनात फर्जी शिक्षक त्रिलोक सिंह कठैत पुत्र भगत सिंह द्वारा अपनी बी.एड. की फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी प्राप्त की गई। शिक्षा विभाग के एसआईटी एवं विभागीय जांच के अनुसार उक्त शिक्षक की बीएड की डिग्री का सत्यापन कराया गया, जिस पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से जांच आख्या प्राप्त हुई, जिसमें उक्त फर्जी शिक्षक के द्वारा विश्वविद्यालय से कोई भी बीएड वर्ष 1993 की डिग्री जारी नहीं हुई पायी गई। शासन स्तर से एसआईटी जांच भी कराई गई थी। जिसके आधार पर शिक्षा विभाग रुद्रप्रयाग द्वारा उपरोक्त शिक्षक के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया। फर्जी शिक्षक को तत्काल निलंबित कर बर्खास्त किया गया तथा माननीय सी.जे.एम. न्यायालय जनपद रुद्रप्रयाग के समक्ष विचारण हुआ। गुरूवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी के न्यायालय द्वारा उपरोक्त फर्जी शिक्षक त्रिलोक सिंह कठैत पुत्र भगत सिंह को फर्जी बी.एड. की डिग्री के आधार पर छल व कपट से नौकरी प्राप्त करने के संबंध में दोषी करार पाते हुए अभियुक्त त्रिलोक सिंह कठैत को धारा 420 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 05 वर्ष का कठोर कारावास की सजा तथा 10000 (दस हजार रुपये) रुपये जुर्माने से दण्डित किया गया एवं जुर्माना अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी तथा धारा 471 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अन्तर्गत दोष सिद्ध पाते हुए 02 वर्ष का कठोर कारावास व 5000 (पांच हजार रूपये) रूपये जुर्माने से दण्डित किया गया एवं जुर्माना अदा ना करने पर एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतना होगा। दोषसिद्ध शिक्षक त्रिलोक सिह कठैत को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर दण्डादेश भुगतने हेतु जिला कारागार पुरसाड़ी, (चमोली) भेजा गया। उक्त मामले में राज्य सरकार की ओर से प्रभावी पैरवी विद्वान अभियोजन अधिकारी प्रमोद चन्द्र आर्य द्वारा की गई है।