अनशनरत सानंद के वकील ने पीएम को भेजा पत्र
हरिद्वार। गंगा एक्ट की मांग को लेकर 22 जून से अनशनरत प्रोज़ीडी अग्रवाल उर्फ सानंद के अधिवक्ता ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा है। पत्र में बताया गया है कि सानंद द्वारा 9 अक्तूबर से जल त्यागने की घोषणा के बाद भी अभी तक प्रधानमंत्री ने उनसे कोई बात नहीं की है न ही किसी पत्र का जवाब दिया है।सानंद के अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में समय रहते गंगा एक्ट को संसद के आगामी सत्र में लाने की मांग की है। कहा कि प्रधानमंत्री को एक बार सानंद से फोन पर बात करके सकारात्मक जवाब देना चाहिए। पत्र में बताया गया है कि अनशन से काफी पहले सानंद ने गंगा एक्ट को लेकर 27 फरवरी और 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री को पत्र भेजे। इसका कोई जवाब सानंद को नहीं मिला। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ऊमा भारती ने मातृ सदन आकर सानंद से मुलाकात की और फोन पर केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी से बात कराई। लेकिन नितिन गडकरी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।अधिवक्ता का कहना है कि ऐसे माहौल को देखते हुए ही सानंद ने 9 अक्तूबर से जल त्यागने का ऐलान किया है। साथ ही इसके बाद किसी भी स्तर पर बात न करने का निर्णय भी लिया है। सानंद की मांग को लेकर राजघाट दिल्ली में भी उनके समर्थक उपवास कर चुके हैं। तीन दिन पहले ही हरकी पैड़ी से एक यात्रा गोमुख को निकली है जो 14 जनवरी तक गंगासागर पहुंचेगी।