देहरादून()। मानवाधिकार आयोग ने तीनों निगमों के एमडी से मांगा जवाब उपनल कर्मियों ने इलाज न मिलने पर आयोग से लगाई थी गुहार देहरादून, मुख्य संवाददाता। ऊर्जा के तीनों निगमों के उपनल कर्मियों की स्वास्थ्य सुविधा पर उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग ने निगम मैनेजमेंट से जवाब तलब किया है। तीनों निगमों के एमडी से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में निगम मैनेजमेंट को बताना है कि अभी तक संविदा कर्मियों को चिकित्सा सुविधा किस स्तर पर उपलब्ध करवाई जा रही है। भविष्य के लिए क्या योजना तैयार की जा रही है। विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि ने ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल कर्मियों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उपलब्ध न कराने पर मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज की थी। बताया था कि उपनल के अधिकतर कर्मचारी अब ईएसआई की सुविधा से बाहर हो गए हैं। उन्हें अब इलाज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। संविदा कर्मचारियों को ग्रुप इंश्योरेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। कैशलेस इलाज का लाभ दिया जाए। कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड से जोड़ा जाए। मेडिकल अवकाश दिया जाए। कहा कि विद्युत दुर्घटना में मृतक संविदा कर्मचारी को 20 लाख का मुआवजा देने के साथ ही आश्रित को योग्यता के अनुरूप नियुक्ति दी जाए। आयोग ने तीनों निगमों के एमडी से आयोग में उपनल कर्मियों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं को रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए गए। विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि उपनल कर्मचारियों को मजबूरी में मानवाधिकार आयोग की शरण लेनी पड़ी। कर्मचारियों की शासन, प्रबंधन स्तर पर कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।