नैनीताल। हाईकोर्ट ने वन निगम द्वारा गौला नदी से उपखनिज ले जा रहे वाहनों की माप इलेक्ट्रनिक धर्मकांटों से करने के बजाय मेनुअली फीते से करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने इस मामले में वन निगम व सरकार से चार जनवरी तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में हुई। मामले के अनुसार हल्दूचौड़ निवासी पीयूष जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कहा कि वन निगम को नैनीताल जिले में खासकर गौला नदी से खनन की अनुमति केंद्र सरकार से इस शर्त पर मिली है कि नदी से उपखनिज ले जा रहे वाहनों में उपखनिज की माप गेटों पर इलेक्ट्रनिक धर्मकांटे लगाकर होगी। इसी आधार पर रयल्टी तय होगी, लेकिन वन निगम ने इलेक्ट्रनिक धर्मकांटे नहीं लगाए हैं और मेनुअली उपखनिज की माप की जा रही है। जिससे अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही ओवरलोडिंग की जा रही है। इससे सरकार को राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है। इसके अलावा इलेक्ट्रनिक धर्मकांटे न लगाना राज्य सरकार की चुगान व खनन नीति के भी खिलाफ है। मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।