नैनीताल । हाईकोर्ट ने हल्दूचौड़ स्थित लाल बहादुर शास्त्री कलेज में हुई भर्ती अनियमितताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार, यूजीसी से दस दिन के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि महाविद्यालय में ऐसे कितने प्रवक्ता हैं जो यूजीसी द्वारा निर्धारित नेट की योग्यता नहीं रखते हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी पीयूष जोशी व अन्य ने जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कहा कि हल्दूचौड़ के लाल बहादुर शास्त्री कलेज में पूर्व मंत्री के अयोग्य रिश्तेदारों और संबंधियों को नियुक्ति दी गई है। यह नियुक्तियां यूजीसी के द्वारा निर्धारित मानक व योग्यता पूरी नहीं रखती हैं। जिसकी वजह से कलेज में शिक्षा के स्तर में गिरावट आ रही है। इसलिए इन्हें निरस्त किया जाए। जनहित याचिका में कहा गया है कि ऐसे छह लोगों की नियुक्ति की गई है जिनके पास योग्यता नहीं है। जबकि जांच के बाद पता चलेगा कि कई और भी हो सकते हैं। याचिकाकर्ताओं ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की। पर वहां से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय से इन अयोग्य और अपात्र कर्मचारियों को तत्काल हटाकर योग्य और पात्र लोगों को नियुक्ति करने की मंग उठाई है। सभी नियुक्तियां वर्ष 2016-17 में हुईं थी।