अनुशासन का पाठ पढ़ाने से पहले शिक्षक अनुशासन का पालन करें

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल में नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफ्रेसर के लिए अभिप्रेरण एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० मामचंद्र ने नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों को शिक्षकों के दायित्वों एवं राष्ट्र के मानव संसाधन के विकास में उनके योगदान के बारे में याद दिलाते हुए कहा कि शिक्षकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने से पहले स्वयं अनुशासन का पालन करना चाहिए। उन्हें ऐसे किसी भी कार्यों से दूर रहना चाहिए जिससे समाज में शिक्षकों की गरिमा का हनन हो।
जंतु विज्ञान के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ0 आरके द्विवेदी ने महाविद्यालय की उपलब्धियों को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय से अनेक विभूतियों ने शिक्षा ग्रहण कर विभिन्न क्षेत्रो में ख्याति अर्जित कर महाविद्यालय का नाम रोशन किया। महाविद्यालय के रसायन विज्ञान के विभाग प्रभारी प्रो0 एसपी मधवाल ने नवागुंतक प्राध्यापकों को कैरियर एडवांसमेंट स्कीम, प्राध्यापकों के हितों एवं अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य नव नियुक्त असिस्टेंट प्रोफ्रेसर को महाविद्यालय एवं प्रशासनिक कार्य प्रणाली के बारे में परिचय करवाना था। कार्यक्रम में डॉ0 संजय कुमार, डॉ0 राम सूरत, डॉ0 मनोज यादव ने भी अपने अनुभव साझा किये। इस मौके पर डॉ0 डीसी मिश्रा, गुंजन आर्य, कृतिका क्षेत्री, विनीता देवी, अभिषेक कुकरेती, वरुण कुमार, वीरेंद्र कुमार सैनी, अर्चना नौटियाल, श्रद्धा भारती, डॉ0 मोहम्मद शहजाद आदि उपस्थित रहे।

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