आप को उत्तराखंड में विकास दिखाई न देना उसका दृष्टि दोष, झूठ की राजनीति नहीं चलती: भगत
देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया के इस बयान कि उत्तराखंड में विकास नहीं हो रहा है को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि यह उनका और उनकी पार्टी का दृष्टि दोष है। दिल्ली में धरातल गवां चुकी आम आदमी पार्टी उत्तराखंड के लोगों को भ्रमित कर यहाँ अपनी जमीन तैयार करने की जो कोशिश कर रही है उसमें वह सफल नहीं होगी। एक बयान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में पूरी तरह असफल सिद्ध हुई है। कोरोना काल में दिल्ली में जो हालात पैदा हुए हैं उससे साफ है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार पूरी तरह असफल सिद्ध हुई है। देश में जिन राज्यों में करोना की स्थिति सबसे भयंकर और नियंत्रण से बाहर हुई रही, उनमें दिल्ली शामिल है। केंद्र सरकार को पानी पी पीकर कोसने वाले श्री केजरीवाल और श्री सिसोदिया की आम आदमी पार्टी की सरकार को अंतत: केंद्र सरकार की शरण में जाना पड़ा और केंद्र सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर किए गए प्रयासों और दी गई भरपूर सहायता के आधार पर ही दिल्ली में कोरोना पर नियंत्रण हो पाया। उन्होंने कहा कि यह वही आम आदमी पार्टी है जो अपने मोहल्ला क्लिनिकों का जमकर प्रचार करती थी, लेकिन कोविड-19 में इन क्लिनिकों पर जब उनकी सबसे अधिक जरूरत थी, ताले लटके रहे और आम जनता को कोई मदद नहीं मिली, इसके अलावा कोविड काल में आप सरकार दिल्ली में एक भी कोविड अस्पताल स्थापित नहीं कर पाई। श्री भगत ने कहा कि दिल्ली कीआम आदमी पार्टी सरकार इतनी अधिक संवेदनशील और असफल सिद्ध हुई कि उसने दिल्ली में रह रहे लाखों मजदूरों को दिल्ली छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और वे जिन बुरे हालात में दिल्ली से निकले उसे पूरी दुनिया ने देखा। इसी प्रकार उत्तराखंड के लाखों लोग दिल्ली छोड़ कर वापस उत्तराखंड आने पर विवश हुए। यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने भाजपा संगठन ने उनका स्वागत किया और उनके लिए पूरी व्यवस्थाएं की। अब आम आदमी पार्टी किस मुंह से उत्तराखंड की जनता के बीच में आ रही है। यही कारण है कि आप नेता झूठ व दुष्प्रचार का सहारा के रहे हैं। लेकिन अब इस फरेब में कोई आने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में तो आम आदमी पार्टी को कोई धरातल नहीं मिल रहा है और 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाली पार्टी अभी कार्यकर्ताओं के लिए भी तरस रही है । इसीलिए उसके नेता अन्य दलों में ताक झांक कर रहे हैं। लेकिन वहाँ भी उन्हें निराशा मिल रही है।उन्होंने कहा कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती और दिल्ली का कड़वा अनुभव सबके सामने है। पहले भी उत्तराखंड में अपने पैर जमाने की असफल कोशिश करने वाली आम आदमी पार्टी इस बार भी बुरी तरह मुंह के खाएगी, यह तय है।