आरक्षित को सामान्य श्रेणी में ले जाने के खिलाफ अर्जी सुप्रीम कोर्ट से खारिज

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नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने कांस्टेबल के पदों के लिए आरक्षित श्रेणी के तहत प्रारंभ में चयनित किए गए उम्मीदवारों से संबद्घ सीटें सामान्य श्रेणी में ले जाने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस़ रवींद्र भट और जस्टिसाषिकेश राय की पीठ को उप्र सिविल पुलिस, प्रोवेंशियल आघ्र्म्ड कांस्टेबलरी (पीएसी) व अग्निशमन कर्मियों की चयन प्रक्रिया और 3,295 कांस्टेबलों की भर्ती में आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी में ले जाने में कोई कमी नजर नहीं आई।
जस्टिस ललित ने फैसला लिखते हुए संबद्घ मामले में शीर्ष अदालत के एक फैसले का हवाला दिया और कहा कि राज्य सरकार एवं उसके अधिकारी गुण-दोष के आधार पर आदेश का पालन करने और आरक्षण के सिद्घांत का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
फैसले में कहा गया है, श्3,295 अतिरिक्त पदों की उपलब्धता के साथ चीजों में थोड़ा परिवर्तन करके यदि आरक्षित पदों के लिए पहले से चयनित उम्मीदवारों को खुली श्रेणी पदों के लिए गौर किए जाने का हक मिलता है तो यह कवायद किसी भी मायने से अवैध या गैरकानूनी नहीं मानी जा सकती। ये 3,295 पद 2013 में 41,610 पदों को भरने के लिए शुरू की गई चयन प्रक्रिया का हिस्सा हैं और ऐसा बदलाव करके राज्य ने सही ही किया है।श् शीर्ष अदालत ने प्रमोद कुमार सिंह समेत सामान्य श्रेणी के कुछ उम्मीदवारों द्वारा दायर की गई याचिका खारिज कर दी।

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