प्राध्यापकों के यात्रा भत्ते में कालेजों की मनमानी

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हल्द्वानी। कुमाऊं विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री कॉलेजों में प्राध्यापकों के यात्रा भत्ते के भुगतान में महाविद्यालयों के मनमानी के मामले सामने आ रहे हैं। कई कॉलेजों की ओर से प्रयोगात्मक परीक्षा जैसे कार्यों के लिए अन्य कॉलेजों में जाने वाले प्राध्यापकों को अलग-अलग दरों पर यात्रा भत्ता दिया जा रहा है। जिससे प्राध्यापकों में नाराजगी है। प्राध्यापकों को प्रयोगात्मक परीक्षाओं, मूल्यांकन, उड़नदस्ता ड्यूटी और अन्य शैक्षणिक कार्यों के लिए अन्य कॉलेजों या परीक्षा केंद्रों पर जाना पड़ता है।
इन कार्यों के लिए विवि और सरकार की ओर निर्धारित यात्रा भत्ते के मानक हैं। लेकिन कई कॉलेज इन नियमों का पालन नहीं कर रहे। ये बताया प्राध्यापकों ने एमबीपीजी कॉलेज के प्राध्यापकों ने बताया कि कुमाऊं विवि की ओर से साल 2019 में प्रति किमी 13 रुपये यात्रा भत्ते के तौर पर देने के आदेश हैं। जबकि कई महाविद्यालय 6:75 पैसे के हिसाब से प्राध्यापकों के बिल का भुगतान कर रहे हैं। एक प्राध्यापक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया वह प्रयोगात्मक परीक्षाओं के लिए दूर-दराज के कॉलेजों में जाते हैं, लेकिन भत्ते का भुगतान हर कॉलेज अपनी मर्जी से करता है। कहीं तो पूरा भत्ता मिलता है, कहीं आधा-अधूरा।
इनका कहना जो भी विवि की ओर से नियम बनाए गए हैं। उस आधार पर ही महाविद्यालय प्राध्यापकों को यात्रा भत्ते का भुगतान करें। ऐसा नहीं करने पर महाविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल, कुलसचिव कुमाऊं विवि
कोट
अलग-अलग महाविद्यालयों की ओर से यात्रा भत्ते के भुगतान को लेकर अलग-अलग नियम बताए जाते हैं। जब विवि ने प्रति किमी 13 के हिसाब से भुगतान करने के आदेश दिए हैं। तो इसमें मनमानी नहीं की जानी चाहिए। – डॉ.एससी टम्टा उपाध्यक्ष उत्तराखंड राजकीय महाविद्यालय संघ

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