सेना प्रमुख मनोज पांडे ने उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों का किया दौरा, एलएसी पर सेना की तैयारियों का लिए जायजा
देहरादून। थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने उत्तराखंड में सेना की फारवर्ड पोस्ट पर तैयारियों का जायजा लिया। बता दें, भारत और चीन के बीच तनाव को करीब दो साल पूरे हो चुके हैं। इन दो सालों में भारतीय सेना ने अपने फारवर्ड लोकेशन में जमीनी तैयारियों को बढ़ाया है। सेना प्रमुख बनने के बाद जनरल मनोज पांडे पहली बार सेंट्रल सेक्टर में एलएसी का दौरा किया है।
जानकारी के अनुसार, इस दौरान सेना प्रमुख ने उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश में एलएसी पर तैयारियों का जायजा लेने के साथ ही स्थानीय कमांडरों से सैन्य तैयारियों की जानकारी ली। वहीं, फारवर्ड पोस्ट पर तैनात जवानों मिलकर उनका हौसला बढ़ाया।
उन्होंने पूरे इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी ली। साथ ही भारतीय सेना की आपरेशनल रेडीनेस यानी युद्घ के लिए सेना की तत्परता का निरीक्षण भी किया।
इससे पहले सेना प्रमुख लद्दाख और कश्मीर के फारवर्ड इलाकों का भी दौरा कर चुके हैं। गत दिवस सेना प्रमुख ने उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह से भी शिष्टाचार भेंट की थी।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी का इलाका बेहद संवेदनशील है। क्योंकि इन इलाकों में कई बार चीनी सैनिकों की भारत की सीमा में घुसपैठ की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
उत्तराखंड के बाड़ाहोती क्षेत्र में भी पिछले सालों में चीनी सैनिक कई बार घुसपैठ की कोशिश कर चुके हैं। भारत ने इन घटनाओं की लगातार निंदा भी की है और इसके स्थाई समाधान के लिए चीन से एक ठोस समझौते की बात भी कही है।
उत्तराखंड में एलएसी पर ही वह ट्राई जंक्शन भी मौजूद है जहां चीन, नेपाल और भारत की सीमाएं मिलती है और यहां भी चीन अपने वर्चस्व को बढ़ाने की कोशिश में लगा रहता है।
एलएसी पर भारतीय सेना के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हैं। बताया गया कि सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ एलएसी के निरीक्षण पर मध्य कमान के कमांडर भी मौजूद रहे।
सेना प्रमुख को एलएसी से सटे इलाकों में सैनिकों के खास ड्रिल और पूर्वाभ्यास दिखाए गए जो हजारों फीट की ऊंचाई पर भारतीय सेना की मजबूत तैयारी को दर्शाते हैं। देश के उत्तरी बार्डर पर इस वक्त भारत चीन से पूरी तरह चौकन्ना रहना चाहता है।
गलवान के खूनी संघर्ष के बाद भारत चीन की किसी भी चालबाजी के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसलिए लद्दाख हो या फिर हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड, एलएसी पर भारतीय सेना के जवानों की संख्या बढ़ाई गई है। वहीं एलएसी पर संरचनात्मक ढांचे का भी तेजी से विस्तार किया जा रहा है।