जिलाध्यक्ष घोषित होते ही कलह शुरू, 11 पार्षदों का कांग्रेस से इस्तीफा

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रुद्रपुर()। कांग्रेस जिलाध्यक्ष की घोषणा के बाद रुद्रपुर में संगठनात्मक विवाद खुलकर सामने आ गया है। बुधवार को किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ के पुत्र और वार्ड नंबर 39 के पार्षद सौरभ बेहड़ ने 11 कांग्रेसी पार्षदों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे का पत्र जारी किया। यह पत्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को भेजा गया है। सौरभ ने बताया कि कांग्रेस नगर निगम में कुल 14 पार्षद हैं, जिनमें से 11 पार्षद जिलाध्यक्ष की नियुक्ति से असंतुष्ट हैं। कहा कि संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत हुई रायशुमारी में कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने खुलकर अपनी राय दी थी, लेकिन घोषणा इसके विपरीत हुई। उन्होंने कहा कि यदि रायशुमारी की गई थी तो फिर नियुक्ति की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति विशेष से उन्हें आपत्ति नहीं है, पर रायशुमारी को दरकिनार करना गलत है। वार्ड 20 के पार्षद परवेज कुरैशी ने कहा कि रायशुमारी के लिए सभी को बुलाया गया था, आठ-दस दिन तक प्रक्रिया चली, फिर उसका नतीजा उल्टा क्यों आया? इसी कारण कांग्रेस पिछला विधानसभा चुनाव हारी थी। उन्होंने कहा कि जब भी हार होती है, जिम्मेदारी पार्षदों पर डाल दी जाती है, इसलिए वे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ रहे हैं। वार्ड 34 के पार्षद इंद्रजीत सिंह ने कहा कि महिला को नगर अध्यक्ष बनाया गया, जबकि महिला कांग्रेस या प्रदेश स्तर पर उन्हें कोई पद दिया जा सकता था। एक युवा कार्यकर्ता के पक्ष में भारी समर्थन था, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया। कांग्रेस से इस्तीफा देने वालों में पार्षदों में वार्ड चार से सुशील मंडल, 36 से इंदरजीत सिंह, 30 से गौरव खुराना, 20 से परवेज कुरैशी, 39 से सौरभ बेहड़, वार्ड तीन से शुभम दास, 27 से मधु शर्मा, 23 से अंजलि, 32 से गौरव गिरी, 13 से मोहम्मद अशफाक और वार्ड 26 से शन्नो शामिल हैं। अपनी कोई उपलब्धि बता दें जिलाध्यक्ष : बेहड़ हिमांशु गाबा को जिलाध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ किच्छा के विधायक तिलराज बेहड़ भी मोर्चा खोलते नजर आए। बेहड़ ने बिना नाम लिए एक बयान में कहा कि बतौर जिलाध्यक्ष वह अपनी कोई उपलब्धि बता दें। उन्होंने कहा कि पार्टी का यह फैसला गले नहीं उतर रहा है और इसे वह कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव में भी इन लोगों ने 20 लाख रुपये लेकर भाजपा समर्थित प्रत्याशी का समर्थन किया था। हालांकि, इसके बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत हासिल की। बेहड़ ने कहा कि उन्होंने हर लड़ाई अकेले लड़ी तब संगठन कहां था? उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि एक व्यक्ति ने ईगो के लिए किस तरह पद पाया है। उन्होंने कहा कि पार्टी विरोधी काम करने वालों के खिलाफ उन्होंने कई पत्र लिखे। सारे पत्र कूड़े के ढेर में डाल दिए और कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि संगठन सृजन केवल नाम का रहा। नेताओं ने अपने मर्जी से कई जिलाध्यक्ष बना दिए। 13 आरडीपी-41 पी- तिलकराज बेहड़ बेहड़ संगठन के साथ नहीं, अपनी चलाना चाहते हैं : गाबा कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा ने कहा कि उन्होंने बिना किसी भेदभाव के काम किया। सबको साथ लेकर गया। अधिकांश विधायकों और पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री तक का समर्थन था। आज हमारे परिवार की तीसरी पीढ़ी कांग्रेस की सेवा कर रही है। रायशुमारी में 90 प्रतिशत लोगों ने मेरा समर्थन किया था। छह नाम का पैनल गया था। इसके बाद मुझे कांग्रेस हाईकमान ने मौका दिया। जिले की नौ विधानसभाओं में सिर्फ रुद्रपुर में ही क्यों हल्ला है। यही पार्षद मेरे कार्यकाल में कांग्रेस से अपना टिकट लेकर गए थे। अगर आज वह इस्तीफे की बात कह रहे हैं तो पार्टी हाईकमान के फैसले का विरोध कर हैं। अगर किसी को कोई नाराजगी थी तो पार्टी फोरम में कहते, प्रेस कांफ्रेंस में नहीं। कहा कि तिलकराज बेहड़ संगठन के साथ चलना ही नहीं चाहते हैं वह तो सिर्फ अपनी चलाना चाहते हैं। किच्छा के विधायक हैं किच्छा संभालें। वह रुद्रपुर आते हैं तो यहां आशीर्वाद दें। पार्टी हाईकमान से कोई बड़ा नहीं है।

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