असत्य भाषी के सभी कर्म व्यर्थ: आचार्य लखेड़ा

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
पदमपुर मोटाढांक में आयोजित सात दिवसीय शिव शक्ति ज्ञान यज्ञ कथा सम्पन्न हो गई है। इस अवसर पर राज्य मंत्री पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने राधे-राधे कीर्तन मंडली, महागौरी कीर्तन मंडली, नैना कीर्तन मंडली, सरस्वती कीर्तन मंडली, दुर्गा कीर्तन मंडली, लक्ष्मी नारायण कीर्तन मंडली, ओम सत्कार कीर्तन मंडली, महिला पतंजलि कीर्तन मंडली के अलावा मन्दिर समिति के अध्यक्ष प्रेम सिंह रावत को भी सम्मानित किया।
पदमपुर मोटाढाक में स्थित शिव शक्ति मन्दिर में प्रवचन करते हुए आचार्य राकेश चंद्र लखेड़ा ने कहा कि सत्य सबसे उत्तम तप है। यह पृथ्वी सत्य पर ही टिकी है, सत्यभाषी परम् तेजस्वी होता है। असत्य भाषी के सभी कर्म व्यर्थ हैं, अत: सदैव सत्य बोलना चाहिए। सत्य सदैव एक रूप में स्थित रहता है। वह किसी भी काल, किसी भी युग व किसी भी परिस्थिति में परिवर्तित नहीं होता। सत्य सदैव एक समान रहता है। सत्य ही परमात्मा यानि शिव है। सभी शरीरों के अंदर परमात्मा का वास है। क्योंकि सभी में आहार, निंद्रा, भय एक समान रूप से स्थित रहते हैं। लेकिन मनुष्य को ईश्वर ने एक अतिरिक्त गुण भी प्रदान किया है, वह है विवेक। परमात्मा ने मनुष्य को प्रधानता प्रदान करते हुए उसे विवेक शील प्राणी बनाया है। जो व्यक्ति विवेक का प्रयोग करके शिव की शरण में जाता है वहीं ज्ञान प्राप्त कर सकता है। इससे पूर्व प्रात: हवन यज्ञ किया गया। इस मौके पर मंदिर के पुजारी राम भरोसा कंडवाल ने उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने मंदिर की मरम्मत व प्रवेश द्वार निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध कराने की मांग की है। कार्यक्रम में वीरेन्द्र सिंह रावत, नन्दन सिंह नेगी, श्रीमती मंथा देवी देवरानी, शांति देवी, पुष्पा देवी, विमला शुक्ला, चंपा नेगी, ऊषा देवी, सोम प्रभा कंडवाल, विद्या देवी, जूही नेगी, योगिता, लक्ष्मी गुसांई, एन बिष्ट, आशा नेगी, सावित्री देवी, रेखा रावत, मनमोहन रावत, राधिका देवी, कल्पना चौहान, विनीता डोबरियाल, जयश्री देवी आदि उपस्थित रहे।

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