आशा हैल्थ वर्कर यूनियन हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ सेवाएं प्रभावित
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखण्ड आशा हैल्थ वर्कर यूनियन से जुड़ी आशा कार्यकर्तियां विगत एक सप्ताह से आन्दोलनरत है। जिससे प्रदेश की शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ सेवाएं प्रभावित होने लगी हैं। विशेषरूप से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने मे कठिनाइयां आ रही हैं।
सरकार महिला सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध है। ऐसी स्थिति में उनकी न्यायोचित मांगो को गम्भीरता से लिया जाना चाहिए। कोविड़-19 के दौरान उनकी सराहनीय सेवाएं रही है। आशा कार्यकर्ताओं की 12 सूत्रीय मांगो पर विचार किया जाना चाहिए। ग्रामीण विकास नागरिक विचारमंच (रजि) इन समस्त मांगो का समर्थन करती है और मांग करती है की आशाओं का मानदेय इक्कीस हजार किया जाना चाहिए। जो आज मंहगाई के समय न्यायसंगत है।
ग्रामीण विकास नागरिक विचार मंच द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र मे आग्रह किया है की प्रदेश की स्वास्थ सेवाओं को मद्देनजर रखते हुए आशाओं की मांगो को स्वीकार करें।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास नागरिक विचारमंच के अध्यक्ष प्रवेश चन्द्र नवानी, उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह रावत, महासचिव जनार्दन प्रसाद ध्यानी, पूर्व प्रधानाचार्य एवं संरक्षक शिवप्रसाद कुकरेती, संरक्षक प्रकाश कोठारी, सचिव प्रभाकर ध्यानी उपस्थित थे।