आशाओं ने उठाई सरकारी नौकरी देने की मांग
नई टिहरी : आशा फैसिलेटर एवं कार्यकर्ता संगठन ने केंद्र सरकार से आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी नौकरी देने की मांग उठाई है। आशा कार्यकर्ताओं ने स्थानीय प्रशासन की मदद से पीएम मोदी को ज्ञापन प्रेषित कर उनकी समस्याओं के निराकरण की मांग की। सोमवार को पीएम को प्रेषित ज्ञापन में आशाओं ने कहा है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लगभग 1124 आशा फैसिलेटर और आशा संगिनी कार्यरत हैं। जो शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य योजनाओं को पहुंचाने का काम तत्परता से कर रही हैं। कोविड में भी अहम भूमिका में रहे हैं। इसलिए उनकी मांगों के तहत आशाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाय। सामाजिक सुरक्षा के तहत ईपीएफ दिया जाय। सर्दी और गर्मी की अलग-अलग वर्दी दी जाय। रिटायरेंट की सुविधा सरकारी कर्मचारियों के अनुरूप, योग्यता के अनुसार पदोन्नति, स्टेशनरी भत्ता, आकस्मिक मृत्यु पर कम से कम 10 लाख का बीमा, प्रशिक्षण के लिए यात्रा भत्ता, रिटायरमेंट के बाद पेंशन, भ्रमण के दौरान लाईव लोकेशन के बाध्यता को समाप्त किया जाय। ज्ञापन देने वालों में किरन, मुनी उनियाल, आशा ममगाईं, उषा उनियाल आदि शामिल रहे। (एजेंसी)