आशाओं ने क्वारंटाइन ड्यूटी नहीं करने की दी चेतावनी —

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चम्पावत। आशा कार्यकत्रियों ने मानदेय दस हजार रुपये देने की मांग की है। ऐसा नहीं किए जाने पर उन्होंने क्वारंटाइन
ड्यूटी नहीं करने की चेतावनी दी है। इस संबंध में संगठन ने प्रशासन के जरिए सीएम को ज्ञापन भेजा है।संगठन
जिलाध्यक्ष सरस्वती पुनेठा के नेतृत्व में कार्यकत्रियों ने एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि
कोरोना महामारी के दौरान बीते तीन माह से स्वास्थ्य विभाग के दिए सभी कार्य किए हैं। लेकिन अब सरकार ने नया
आदेश जारी किया है। जिसमें आशा कार्यकत्रियों को एक्टिव सर्विलांस ड्यूटी कर रोज रिपोर्ट देने को कहा गया है। इनमें
ब्लड प्रेशर, शुगर, दिल की बीमारी, श्वास संबंधी रोग, टीबी, डेंगू, मलेरिया, उल्टी-दस्त, बुजुर्ग, गर्भवती और धात्री
महिलाओं का विवरण देने का कार्य शामिल है। आशा कार्यकत्रियों का कहना है कि एक ओर सरकार उनसे निर्धारित कार्य
के अलावा अन्य कार्यों को करने के निर्देश दे रही है। लेकिन उन्हें मानदेय देने के बारे में चुप्पी साध रखी है। उन्होंने
कहा कि हर माह मानदेय दस हजार रुपये नहीं देने पर पूर्व निर्धारित कार्य के साथ ही क्वारंटाइन और सर्वे करना बंद
कर देंगी। ज्ञापन देने वालों में रीता सिंह, पदमा प्रथौली, रीना सिंह, हेमा जोशी, आयशा बानो, मंजू देवी, लक्ष्मी देवी,
माला देवी, ममता देवी, बसंती जोशी आदि शामिल रहीं।

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