9 करोड़ 70 लाख की सड़क, खोजने से भी नहीं मिल रहा डामर
बदहाल स्थिति में पड़ी है बंजादेवी-पाणीसैंण मैंदणीसारी मोटर मार्ग
जयन्त प्रतिनधि।
कोटद्वार : सरकारी सिस्टम किस तरह सरकारी धन का दुरुपयोग करता है, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण रिखणीखाल प्रखंड के बंजादेवी-पाणीसैंण-मैंदणीसारी मोटर मार्ग पर देखने को मिल रहा है। नौ करोड़ की लागत से बनाया गया यह मार्ग वर्तमान में पूरी तरह खस्ताहाल स्थिति में पहुंच चुका है। 25 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर डामर खोजना भी एक चुनौती बन गया है। मार्ग पर जगह-जगह बने गड्ढे दोपहिया वाहन चालकों को जख्म दे रहे है। बावजूद सरकारी सिस्टम गहरी नींद से जागने को तैयार नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना कार्यालय (सिंचाई खंड) कोटद्वार को वित्तीय वर्ष 2015-16 में बंजा देवी-रिखणीखाल मोटर मार्ग के डामरीकरण के लिए 9 करोड़ 70 लाख की धनराशि अवमुक्त की गई थी। 23 जुलाई 2015 से निर्माण कार्य शुरू किया गया था। वर्ष 2018 तक विभाग ने 25 किलोमीटर लंबे मार्ग का मरम्मत कार्य पूर्ण कर दिया था। लेकिन, छ: वर्षों में ही मार्ग बदहाल स्थिति में पहुंच गया है। क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद रावत ने बताया कि निर्माण के तहत कार्यदायी संस्था को पहले सड़क पर मिट्टी बिछानी थी व उसके बाद डामर की अलग-अलग परतें बिछानी थी। लेकिन, निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितता के कारण उक्त मार्ग बदहाल हो चुका है। क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया विनीता ध्यानी ने बताया कि दियोड़ से आगे डेढ़ सौ मीटर तक मार्ग पूरी तरह नाले में तब्दील हो गया है। बरसात के दौरान मार्ग पर सफर करना भी मुश्किल हो जाता है।
निर्माण के दौरान भी उठे थे सवाल
मार्ग निर्माण के दौरान ग्रामीणों ने उसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे। यही नहीं ग्रामीणों ने कुछ दिन के लिए निर्माण कार्य भी रूकवा दिया था। आरोप था कि विभाग सड़क पर हल्की मिट्टी बिछाकर केवल नाममात्र का ही डामर बिछा रहा है। जिससे यह अधिक समय तक नहीं टिक पाएगा। आरोप है कि ग्रामीणों के सवाल खड़े करने के बाद भी विभाग ने लापरवाही दिखाई। नतीजा आज करोड़ों की सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है।