अस्थाई जेल से मुख्य जेलों में शिफ्ट होंगे निगेटिव बंदी
देहरादून। कोरोना निगेटिव बंदियों को कोविड प्रिवेंशन डिटेंशन सेंटर (अस्थाई जेल) में निर्धारित क्वारंटीन अवधि (28 दिन) तक नहीं रखा जाएगा। रिपोर्ट आने के तत्काल बाद ही उन्हें मुख्य जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इस संबंध में आईजी जेल ने प्रदेश के जेल अधीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं। पूर्व में हुई चूकों की पुनरावृत्ति से बचा जा सके। दरअसल, कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए पिछले दिनों सभी जेलों में अस्थाई जेल बनाई गई थी। यहां पर उन बंदियों को रखा जाता है जो नए-नए न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाते हैं। इनका वहां पर लाए जाने से पहले कोरोना टेस्ट भी किया जाता है। इसके बाद बंदियों को इन अस्थाई जेलों में 28 दिन तक रखने की व्यवस्था की जाती है। इसके बाद ही इन्हें मुख्य जेलों में भेजा जाता है। इन अस्थाई जेलों के कारण जेल विभाग को कड़वे अनुभवों का सामना करना पड़ा था। पहले देहरादून और फिर हरिद्वार की अस्थाई जेलों से बंदी फरार हो गए थे। हालांकि, इन्हें पुलिस ने पकड़कर वापस जेलों में डाल दिया है। चुनौतियां अब भी बरकरार हैं। इसके लिए अब आईजी जेल एपी अंशुमान ने नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आपराधिक मामले में पकड़ा गया आरोपी हर बार साधारण प्रवृत्ति का ही नहीं होता है। इनमें से कई खूंखार और आदतन अपराधी होते हैं। लिहाजा, उनकी सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता है।
रिपोर्ट निगेटिव आते ही बंदी को तत्काल मुख्य जेल में शिफ्ट कर दें
आईजी के मुताबिक कोविड प्रिवेंशन डिटेंशन सेंटरों में ऐसे बंदियों को ज्यादा दिनों तक रोकना बेहद मुश्किल है। ऐसे में अब सभी जेलों को निर्देशित किया गया है कि वे बंदी की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आते ही उसे तत्काल मुख्य जेल में शिफ्ट कर दें। इसके साथ ही अस्थाई जेलों में बंदी रक्षकों की तैनाती कर दी जाए और बंदियों पर सख्त निगाह रखी जाए।
हरिद्वार में भिक्षु गृह में है सेंटर: हरिद्वार जनपद में अस्थाई जेल भिक्षु गृह को बनाया गया है। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था भी यहीं के अधिकारी और कर्मचारी देखते हैं। यहां भी अब बंदी रक्षक तैनात किए जाएंगे। आईजी के मुताबिक हरिद्वार जनपद में देहरादून से भिन्न स्थिति है। क्यों
कि, देहरादून में भले ही एक कॉलेज को अस्थाई सेंटर बनाया गया है, लेकिन यहां पर बंदी रक्षक और बाहर पीएसी का पहरा होता है। बावजूद इसके यहां से भी एक बंदी भागने में सफल हो गया था। ऐसे में पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। लिहाजा, निगेटिव आते ही बंदियों को मुख्य जेलों में शिफ्ट करना बेहतर होगा।
दून विवि में कई प्रोफेसर संक्रमित: दून विश्वविद्यालय में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है। दून विवि के दो प्रोफेसर के अलावा कई कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इससे विवि प्रशासन में हड़कंप मच गया। फिलहाल संबंधित विभागों को बंद कर दिया गया है। इन दिनों एडमिशन की तैयारियों के मद्देनजर विवि में काफी स्टाफ आ रहा है। कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद विवि के कुलपति प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक सहित कई कर्मचारी व अधिकारी होम आइसोलेट हो गए हैं। वहीं, विवि में भी ऐसे कर्मचारियों से जुड़े सभी विभागों को फिलहाल बंद कर दिया गया है। केवल कुलसचिव कार्यालय खुला हुआ है, जहां से सभी दाखिला संबंधी कार्य किए जा रहे हैं।