अतिथि शिक्षकों के सामने खड़ी हो गयी है बड़ी समस्या
देहरादून। प्रोन्नत प्रवक्ता और लोक सेवा आयोग से चयनित प्रवक्ताओं की तैनाती से 680 से ज्यादा अतिथि शिक्षकों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई। अब उन्हें अपने मौजूदा स्कूल को छोडकर दूसरे स्कूलों में शिफ्ट होना पड़ेगा। 19 अक्तूबर से चार दिन तक चली काउंसलिंग में 621 प्रवक्ताओं की पोस्टिंग कर दी गई है। जबकि लोक सेवा आयोग से चयनित जीव विज्ञान के 59 प्रवक्ताओं की तैनाती भी की गई है। इन 680 स्थानों पर तैनात अतिथि शिक्षकों को हटना तय है।
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर का कहना है अतिथि शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाएगा। मालूम हो कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति इसी शर्त पर हुई है कि स्थायी शिक्षक की नियुक्ति पर उन्हें पद से हटना पड़ेगा। लेकिन सरकार अतिथि शिक्षकों का एक विकल्प भी दिया है। प्रदेश के किसी अन्य रिक्त पद वाले स्कूलों में समायोजन का मौका दिया जाएगा।
जो अतिथि शिक्षक इस पर सहमत होंगे, उन्हें दूसरे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया जाएगा। दूसरी तरफ, अतिथि शिक्षक इस प्रक्रिया से नाराज हैं। अतिथि शिक्षक संघ के महामंत्री दौलत जगूड़ी का कहना है कि सरकार को अतिथि शिक्षकों के लिए ठोस नीति बनानी होगी। अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा व्यवस्था और गुणवत्ता में सुधार में प्राण-प्रण से सहयोग किया है।
प्रमोशन में विलंब के लिए पिछले कई साल से सरकार और शिक्षा विभाग को कोस रहे शिक्षकों ने प्रमोशन होने पर कदम पीछे खींच लिए।मई में प्रमोशन पाकर एलटी से प्रवक्ता 1346 शिक्षकों में 806 की पिछले चार दिन तक राजीव नवोदय स्कूल में काउंसिलिंग की गई थी। इस कांउसलिंग में केवल 621 ही शिक्षक शामिल हुए। बाकी 185 कांउसलिंग में शामिल नहीं हुए।
नियमानुसार पहली नियुक्ति और प्रमोशन पर अनिवार्य रूप से दुर्गम में ही तैनाती दी जाती है। इन 185 शिक्षकों के काउंसलिंग में शामिल न होने के पीछे भी दुर्गम की पोस्टिंग ही वजह बताई जा रही है। एडी-माध्यमिक रामकृष्ण उनियाल के अनुसार तय प्रक्रिया के तहत काउसलिंग में शामिल न होने वाले शिक्षकों को अंत में उपलब्ध पदों पर तैनाती दी जाएगी।
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर का कहना है कि अतिथि शिक्षकों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। अन्य स्कूलों में रिक्त पदों पर उनका समायोजन किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया भी जल्द शुरू कर दी जाएगी।