अल्मोड़ा। अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध एवं अवैध तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर शनिवार को ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र हवालबाग में एक दिवसीय जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण समुदाय, श्रमिकों और आशा कार्यकर्ताओं को नशे की लत और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने नशे के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह न केवल व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि सामाजिक जीवन को भी गहरे स्तर पर प्रभावित करता है। वक्ताओं ने कहा कि नशे से दूर रहकर स्वस्थ जीवनशैली अपनाना ही समाज को सशक्त और सुरक्षित बना सकता है। कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर नशा विरोधी संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सकें। यह आयोजन कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मशरूफ हसन खान के निर्देशन और आरएचटीसी प्रभारी डॉ. अंशुल ममगाईं तथा यूएचटीसी प्रभारी डॉ. मनीष भट्ट के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में डॉ. अनुष्का, एमएसडब्ल्यू मोहम्मद इकबाल, यशवंत रावत और राजकीय मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा में इंटर्नशिप कर रहे डॉ. आरिफा सिद्दीकी, डॉ. नवीन, डॉ. अभिजीत, डॉ. वत्सल, डॉ. प्रीति और डॉ. मानिक ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रम का समापन सामूहिक नशामुक्ति शपथ के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने समाज को नशे के चंगुल से मुक्त कराने में सहयोग देने का संकल्प लिया।