-67 किमी में होंगे सात फ्लाईओवर, चार आरओबी व 16 अंडरपास
-परियोजना पर आएगी 3418 करोड़ की लागत, सरयू पर दो पुल भी हैं प्रस्तावित
अयोध्या ,। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक नगरी अयोध्या को जल्द ही एक बड़ा उपहार मिलने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उस उपहार की नींव भी रखा दी है। यह उपहार कुछ और नहीं बल्कि बहुप्रतिष्ठित रिंग रोड है। परियोजना पर कार्य शुरू हो गया है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो लक्ष्य है की 2028 तक इस पर सरपट वाहन दौड़ेंगे। यह परियोजना न केवल अयोध्या की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी, बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास को भी नई गति प्रदान करेगी।
लगभग 3418 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस 67.50 किलोमीटर लंबे और 60 मीटर चौड़े रिंग रोड पर सात फ्लाईओवर, चार रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी), 16 वाहन अंडरपास, 11 मेजर ब्रिज और 18 माइनर ब्रिज का निर्माण शामिल है। इसके अलावा सरयू नदी पर दो भव्य पुलों का निर्माण भी प्रस्तावित है, जो अयोध्या को बस्ती और गोंडा से जोड़ेंगे।
यह परियोजना अयोध्या को राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे एनएच 27 (लखनऊ-गोरखपुर), एनएच 330 ए (अयोध्या-रायबरेली), एनएच 330 (अयोध्या-प्रयागराज), और 135 ए (अयोध्या-वाराणसी वाया अम्बेडकर नगर) से जोड़ेगी। इसके अतिरिक्त अयोध्या-गोंडा मार्ग को भी इस रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। यह परियोजना अयोध्या के यातायात को सुगम बनाने के साथ-साथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए आवागमन को और आसान बनाएगी। परियोजना के तहत सरयू नदी पर दो पुलों का निर्माण विशेष रूप से उल्लेखनीय है। पहला पुल राजेपुर के पास अयोध्या को बस्ती से जोड़ेगा, जबकि दूसरा पुल ढ़ेमुवा घाट अप साइड पर अयोध्या-गोंडा मार्ग को जोड़ेगा। इसके अलावा अयोध्या से वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ और मनकापुर की रेलवे लाइनों पर चार आरओबी का निर्माण होगा, जो रेल और सड़क यातायात के बीच तालमेल सुनिश्चित करेगा।
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम के अनुसार परियोजना के लिए आवश्यक जमीन अधिग्रहण का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। 90 फीसदी से अधिक जमीन का अधिग्रहण हो चुका है, जिससे परियोजना को गति मिली है। वर्तमान में छह मेजर ब्रिज, दो माइनर ब्रिज, छह फ्लाईओवर और 13 वाहन अंडरपास पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। कार्यदायी संस्था मेसर्स सीगल अयोध्या बाईपास हाइवे प्राइवेट लिमिटेड ने परियोजना पर तेजी से काम शुरू की कर दिया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि परियोजना समयबद्ध तरीके से पूरी हो और गुणवत्ता के मानकों का पालन हो।
3418 करोड़ रुपये की इस परियोजना का अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। रिंग रोड के निर्माण से न केवल यातायात की भीड़भाड़ कम होगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में यह रिंग रोड तीर्थयात्रियों के लिए सुगम और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेगा। साथ ही यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।