अयोध्या:मंदिर भूमि पूजन से पहले गर्भगृह की जमीन रामलला के नाम ट्रांसफर, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को मिले कागज
अयोध्या । पांच अगस्त का अयोध्या में श्री राम मंदिर भूमि पूजन से पहले रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के जन्म स्थान की दाखिल खारिज हो गई। इस नामान्तरण की नकल शनिवार को जिलाधिकारी की ओर से रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को सौंप दी गयी। मालूम हो कि रामजन्मभूमि के कानूनी विवाद में नजूल अभिलेख के गाटा संख्या 583 जिसका रकबा नौ बिस्वा 15 बिस्वांसी चार कछवांसी था को ही विवादित माना गया था। इसी गाटा संख्या में ही मेकशिफ्ट स्ट्रक्चर था।
मो़ इस्माइल फारुखी बनाम यूनियन आफ इंडिया के केस में सात जनवरी 1993 को लागू लैण्ड एक्यूजीशन एक्ट आफ सर्टेन एरिया आफ अयोध्या को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी। जस्टिस वेंकट चेलैया की अध्यक्षता में गठित पांच जजों की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए एक मात्र गाटा संख्या 583 को विवादित माना था। इसके साथ शेष भूमि को अविवादित मानते हुए अधिग्रहण को वैध ठहराया था। इसके साथ यह भी निर्देश दिया था कि आवश्यकता से अधिक भूमि उसके भू स्वामी को वापस लौटा दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने विवादित परिसर के गाटा संख्या को छोड़कर शेष अन्य 22 गाटा जो कि सदर तहसील के अन्तर्गत अभिलेखों में दर्ज है, पर अपने दावे को वापस ले लिया था। फिलहाल विवादित गाटे पर 30 सितम्बर 2010 को पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामलला के दावे को स्वीकार उनकी डिग्री अवार्ड की थी। फिर भी उसमें बंटवारा करके एक भाग निर्मोही अखाड़ा व दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दे दिया। हाईकोर्ट के इसी बंटवारे के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में रामलला की ओऱसे चुनौती दी गयी थी।
फिलहाल कोर्ट के आदेश के बाद प्रमुख सचिव गृह की ओर से रामलला के नामान्तरण का आदेश दिया गया था। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गोरेलाल शुक्ल ने बताया कि आदेश के क्रम में नजूल अभिलेख में नामान्तरण कर दिया गया है।