बाढ़ से उत्तर बिहार में मचा हाहाकार, 9 लाख लोग प्रभावित, ट्रेन के बाद अब बसों का परिचालन भी बंद

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पटना। बिहार के 10 जिलों के 74 प्रखंडों की 529 पंचायतों में नौ लाख 60 हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। वहीं अब-तक आठ लोगों की बाढ़ से मौत भी हो चुकी है। मुजफ्फरपुर में गंडक पारू, साहेबगंज व सरैया में तांडव मचा रखा है तो औराई, कटरा व गायघाट में बागमती ने स्थिति बदहाल कर दी है। बूढ़ी गंडक का पानी फैलने से मुजफ्फरपुर के निचले इलाके के दो दर्जन मोहल्लों जलमग्न हैं। बाढ़ पीड़ित एनएच पर शरण ले रहे हैं। वहीं मिथिलांचल में स्थिति नहीं संभल रही है। दरभंगा-जयनगर एनएच 527 बी पर शनिवार को बाढ़ का पानी चढ़ गया। लाधा में जमींदारी बांध टूटने से लोगों की मुसीबत और बढ़ गई है। दरभंगा में एयर ड्रपिंग से राहत अभियान चलाया गया।
वहीं लकडाउन और बाढ़ से उत्तर बिहार के कई जिलों में आवागमन बिल्कुल ठप हो गया है। लोग चाहकर भी एक से दूसरे जिले नहीं जा पा रहे हैं। लकडाउन के कारण बसों का परिचालन 16 जुलाई से ही ठप है। अब बाढ़ की तबाही के कारण उत्तर बिहार में चल रही आधा दर्जन विशेष ट्रेनों का परिचालन भी बाधित हो गया है। इससे उत्तर बिहार के अधिकांश जिलों के लोगों का आवागमन ठप हो गया है। अब निजी वाहन ही लोगों का सहारा है।
वहीं, निजी वाहन भी लकडाउन में नहीं के बराबर चल रहे हैं। दो रेल लाइन जयनगर से समस्तीपुर और समस्तीपुर से वाया मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रूट पर ट्रेनों का परिचालन ठप है। इसी दो लाइनों पर उत्तर बिहार के अधिकांश जिले हैं। बाढ़ का पानी खतरे के निशान को पार कर दरभंगा व सुगौली में रेलवे ब्रिज के गार्डर तक पानी पहुंच गया है। यात्री की सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे ने इन दोनों लाइन पर चलने वाली ट्रेनों का परिचालन रूट बदल दिया है।
उत्तर बिहार में करीब आठ लाख लोग बाढ़ प्रभावित बताये जा रहे हैं। मुजफ्फरपुर में करीब डेढ़ लाख, पूर्वी चंपारण में दो लाख, दरभंगा में डेढ़ लाख, पश्चिम चंपारण व समस्तीपुर में करीब डेढ़ लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। सहायता के नाम पर मुजफ्फरपुर में करीब छह, पूर्वी चंपारण में एक दर्जन, दरभंगा में भी आधा दर्जन सामुदायिक किचन चालू करने का दावा किया गया है। हालांकि जमीन पर अभी सामुदायिक किचन काम करता दिख नहीं रहा है।

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