उपराड़ी गांव में विधि विधान से खुले बाबा बौखनाग के कपाट

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उत्तरकाशी। उपराड़ी गांव में सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में शनिवार को बाबा बौखनाग के कपाट विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ खोले गए। दोपहर 1.30 बजे बाबा बौखनाग की डोली गर्भगृह से भक्तों के दर्शन को बाहर निकाली गई। इस अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने बाबा के दर्शन कर सुख समृद्धि का आशीर्वाद लिया। शनिवार को उपराड़ी गांव स्थित बाबा के थान में सुबह से ही भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। कपाट खोलने की तैयारी के बीच मंदिर के गर्भगृह में पंडितों ने बाबा बौखनाग मूर्ति का दूध, दही, घी आदि से अभिषेक कर पूजा अर्चना की। जिसके बाद विधि विधान से बाबा की डोली को गर्भगृह से बाहर भक्तों के दर्शन के लिए निकाला गया। जहां बाबा बौखनाग ने अवतरित होकर भक्तों को खुशी का आशीर्वाद दिया। ठीक एक वर्ष बाद बाबा की डोली गर्भगृह से बाहर निकाली गई। इस अवसर पर श्रद्धालुओं के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें हारूल तांदी लोक नृत्य आदि कार्यक्रम शामिल रहे। उपराडी गांव के ग्रामीणों के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। भक्तों ने बाबा को श्रीफल, चुनरी, चावल आदि भेंट कर सुख समृद्ध का आर्शीवाद लिया। इस अवसर पर बाबा के माली संजय प्रसाद डिमरी, समिति के अध्यक्ष जयेंद सिंह रावत, यशपाल सिंह रावत, गुलाब सिंह पंवार, रमेश चंद्र रमोला, यशवंत सिंह, चंद्र मोहन पंवार, विनोद रावत, प्रताप सिंह राणा, धर्मानंद डिमरी, कीर्तिमणी डिमरी, महादेव प्रसाद, जगमोहन सिंह रावत, अमीन राणा, मुंशी राम डिमरी सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे। गांवों के भ्रमण पर निकलेगी बौखनाग की डोली बाबा बौखनाग महाराज का आषाढ मास में लगने वाला मेला भाटिया प्रथम और भाटिया गांव में दो दिन तक चलेगा जहां गांव की व्याधियां और दूरदराज से लोग पहुंचेगे और बाबा बौखनाग के दर्शन करेंगे। बाबा बौखनाग के चार मूल थान हैं जिसमें कफनौल, भाटिया, कन्सेरू , नंदगांव हैं और बारी बारी से महाराज एक एक वर्ष रहते हैं। इसके अलावा उपराड़ी, कफनौल, गैर, कन्सेरू, नंदगांव, चकरगांव, साडा़, बड़कोट, कुंड, दोबाटा, तुनाल्का सहित सभी गांव का भ्रमण करेंगे।

 

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