बाबा रामदेव की कोरोना दवा मामले में हुई सुनवाई
नैनीताल। हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव के दिव्य फार्मेसी निर्मित कोरोना वायरस से निजात दिलाने की दवा के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई
करते हुए अगली सुनवाई के लिए सोमवार 27 जुलाई की तिथि नियत की है। तब तक विपक्षीगणों से जवाब पेश करने को कहा है। सोमवार को अधिवक्ता मणि
कुमार की जनहित याचिका पर न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता का कहना है कि बाबा रामदेव व उनके सहयोगी आचार्य बालष्ण ने हरिद्वार में कोरोना वायरस से निजात दिलाने के लिए पतंजलि योगपीठ के दिव्य
फर्मेशी कम्पनी द्वारा निर्मित दवा को लांच किया। याचिकाकर्ता का कहना है बाबा रामदेव कि दवा कम्पनी ने आईसीएमआर द्वारा जारी गाइड लाइनों का पालन नहीं
किया। आयुष मंत्रालय भारत सरकार की अनुमति तक नहीं ली। आयुष विभाग उत्तराखंड से कोरोना की दवा बनाने की जगह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
दवा बनाने को आवेदन किया गया। कम्पनी द्वारा निम्स विश्विद्यालय राजस्थान द्वारा दवा का परीक्षण करने की बात कही गई जबकि निम्स का कहना है कि उन्होंने
ऐसी किसी भी दवा का क्लिनिकल परीक्षण नहीं किया।
याचिकाकर्ता ने दवा को इन चार बिन्दुओं के आधार पर चुनौती दी है। उनका यह भी कहना है कि बाबा लोगों में अपनी इस दवा का भ्रामक प्रचार प्रसार कर रहे हैं
ये दवा न ही आईसीएमआर से प्रमाणित है न ही इनके पास इसे बनाने का लाइसेंस है । इस दवा का अभी तक क्लिनिकल परीक्षण तक नही किया गया इसके
उपयोग से शरीर मे क्या साइडइफेक्ट होंगे इसका कोई इतिहास नही है इसलिए दवा पर पूर्णरोक लगाई जाए और आईसीएमआर द्वारा जारी गाइड लाइनों के आधार
पर भ्रामक प्रचार हेतु कानूनी कार्यवाही की जाए। हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 27 जुलाई निर्धारित की है।