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बच्चों को दवा देते समय बरतें सावधानियां

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हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय नेशनल सेमिनार के दूसरे दिन प्रदेश के विभिन्न संस्थानों से आये छात्रों ने अलग अलग विषयों पर वैज्ञानिक मॉडल एवं पोस्टर प्रस्तुत किये। इस अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से व्याख्यान का आयोजन भी किया गया। रामीश संस्थान ग्रेटर नोएडा के प्रोफेसर जैनेंद्र कुमार जैन ने रिफ्रैक्टरी एपिलेप्सी के इलाज के लिए हो रहे दवा अनुसंधान के बारे में जानकारी साझा की। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मंजूषा चौधरी ने कहा कि बच्चों को दवा व इलाज करते समय विशेष सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। क्योंकि इनमें प्रतिरोधकता का विकास हो रहा होता है और अगर ऐसी स्थिति में सही इलाज नहीं किया गया तो बच्चे जीवन भर के लिए प्रभावित हो सकते हैं। पतंजलि शोध संस्थान के डॉ. आशुतोष शुक्ला ने कहा कि वर्तमान समय में क्लीनिकल ट्रायल्स के प्रबंधन की और दवा शोध कंपनियां विशेष ध्यान दे रही है। क्योंकि आजकल के बदलते दौर में बीमारियां और घातक साबित हो रही हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री ने सभी को अपनी शुभकामनाये प्रेषित कीं। संयोजक सचिव डॉ. विपिन कुमार ने बताया कि इस सेमिनार में देश-विदेश से 50 से अधिक वैज्ञानिक, मल्टीनेशनल कंपनियों के वरिष्ट प्रबंधक एवं शिक्षाविदों ने प्रतिभाग किया।
वैज्ञानिक मॉडल एवं पोस्टर प्रस्तुत किए: वैज्ञानिक मॉडल एवं पोस्टर प्रदर्शनी में प्रदेश के विभिन्न संस्थान जिनमे चमन लाल डिग्री कॉलेज लक्सर, अरोमा कॉलेज बहादराबाद, हरिद्वार कॉलेज पदार्था के छात्रों ने उत्कृष्ट मॉडल प्रस्तुत किये। जिनमें किफायती एवं प्रकाश संवेदनशील स्ट्रीट सोलर लाइट, पहाड़ों पर घुमावदार मोड़ों पर कंपन्न सूचक का मॉडल बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं।

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