बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान का जोरदार विरोध
देवप्रयाग। उत्तराखंड में तीर्थ-पुरोहितों ने एकजुट होकर देवस्थानम बोर्ड के साथ ही बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान का विरोध करने का मन बना लिया है। कहा कि कई बार सरकार को ज्ञापन देने के बाद भी देवस्थानम बोर्ड को रद करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। चेताया कि प्रदेशभर के तीर्थ-पुरोहित देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ आंदोलन जारी रखेंगे। बुधवार को श्री बदरी-केदार धर्मशाला में युवा पुरोहित संगठन के चुनाव संपन्न हुये। चुनाव अधिकारी राघव कोटियाल ने बताया कि सर्व सम्मति से पदाधिकारियों के चुने करवाये गये। श्रीकांत बडोला अध्यक्ष, गौरव पंचभैया सचिव, सतीश राजपुरोहित उपाध्यक्ष, प्रफुल्ल पंचभैया कोषाध्यक्ष, राकेश कर्नाटक सह सचिव, आशीष कोटियाल प्रवक्ता, प्रदीप भट्ट काशी मीडिया प्रभारी तथा हरिओम उनियाल, योगेश ध्यानी, मिथलेश पंच भैया सदस्य चुना गए। नव निर्वाचित अध्यक्ष श्रीकांत बडोला ने तीर्थ पुरोहित समाज के सभी युवा पुरोहितों से एकजुट होकर देव स्थानम बोर्ड के साथ बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान का जोरदार विरोध किए जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार अगर बलपूर्वक तीर्थपुरोहितों व हक हकुक धारियों को उनकी निजी संपतियों व धार्मिक अधिकार से बेदखल करेगी तो इसका कड़ा विरोध करते उग्र आंदोलन किया जायेगा। कहा वैसे भी सरकार सामान्य विरोध से कुछ सुनने वाली नहीं है।
केदारनाथ में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में तीर्थपुरोहितों का देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चल रहा क्रमिक अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान तीर्थपुरोहितों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बुधवार को तीर्थपुरोहितों ने क्रमिक अनशन के दौरान जमकर नारेबाजी की। कहा कि सरकार इतनी लम्बे समय गुजर जाने के बाद भी कोई पहल नहीं कर रही है। तीर्थपुरोहित लगातार अपना विरोध सरकार के सामने व्यक्त कर रहे हैं किंतु उनकी मांग पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। कहा कि जब तक देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं किया जाता आंदोलन जारी रहेगा। बुधवार को रमेश पोश्ती, संतोष तिवारी, दयाचंद बाजपेई, सुशील तिवारी, आदि ने क्रमिक अनशन किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जब तक कार्रवाई नहीं की आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, आचार्य संतोष त्रिवेदी, कुबेरनाथ पोस्ती, नितिन बगवाड़ी, प्रदीप शर्मा, सावन बगवाड़ी, प्रकाश चन्द्र तिनसौला, रमाकांत शर्मा सहित कई तीर्थपुरोहित मौजूद थे।