चमोली : ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे कमेड़ा में भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा आने से दस घंटे बाधित रहा। इस दौरान हाईवे के दोनों तरफ सैकड़ों वाहन फंसे रहे। भराड़ीसैंण विधानसभा मानसून सत्र के लिए जा रहे मंत्री व अफसर भी सड़क खुलने का इंतजार करते रहे। लोगों ने उनको पहाड़ी पर अटके बोल्डर दिखाते हुए खरी खोटी सुनाई। सड़क बंद होते ही एनएचआईडीसीएल की मशीनों से हाईवे का मलबा हटाना शुरू कर दिया गया, लेकिन मलबा इतना अधिक रहा कि मशीनों को हाईवे सुचारु करने में करीब 10 घंटे लग गए। बदरीनाथ हाईवे पर गौचर के पास कमेड़ा में पिछले दो वर्षों से लगातार भूस्खलन हो रहा है। यहां पर पहाड़ी पर भारी बोल्डर अटके हैं। बारिश होते ही इनके नीचे की दलदली मिट्टी खसक जाती है और हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा आ जाता है। इस साल कमेड़ा में आठ से अधिक बार कई घटों तक वाहनों की आवाजाही बाधित हो चुकी है। सोमवार सुबह को भी करीब चार बजे पहाड़ी पर अटके बोल्डर और भारी मात्रा में मलबा हाईवे पर आ गया। इससे श्रीनगर, ऋषिकश, देहरादून, हरिद्वार सहित कर्णप्रयाग, चमोली, गोपेश्वर, जोशीमठ व बदरीनाथ जाने वाले सैकड़ों वाहन एक बजे तक फंसे रहे। गैरसैंण के भराड़ीसैंण में मंगलवार से मानसून सत्र हो रहा है। लिहाजा नेता और अफसर सड़क मार्ग से भराड़ीसैंण आ रहे हैं। हाईवे बंद होने से वे भी मार्ग में फंसे रहे। वहीं, बारिश से सिमली रोड़ पर सुभाषगनर में पांच से अधिक मकानों को खतरा बना है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुभाषनगर में लगातार भू-धंसाव हो रहा है। उन्होंने अफसरों व सीएम से निरीक्षण करने की मांग उठाई है। वहीं, बहुगुणानगर और आईटीआई मोहल्ले में भी लोग खतरे के साए में रहने को मजबूर हैं। बीपी सती, हरेंद्र सिंह, पुष्कर रावत आदि ने कहा कि सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। भू धंसाव से सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं। (एजेंसी)