बागेश्वर में नाबालिक से दुराचार करने वाले अभियुक्त को 11 साल की कठोर सजा
बागेश्वर। विशेष न्यायालय के न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी ने नाबालिक से दुराचार करने वाले अभियुक्त को 11 वर्ष की कठोर करावास और 35 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। सह आरोपित वर्तमान में फरार है और उसके घर की नीलामी भी हो गई है। सरकार से दो लाख रुपये की धनराशि पीड़िता को देने के आदेश भी पारित किए।
अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक खड़क सिंह कार्की ने बताया कि कांडा थाने के चौकी कमेड़ीदेवी में 24 अप्रैल 2020 को रिंकू उर्फ राधे निवासी नेपाल, जो भैसूड़ी में जेसीबी से रोड कटान कर रहा था। गांव के राजेंद्र सिंह के मकान में किराये पर रहता था। एक 16 वर्षीय पीड़िता को बहला फुलसाकर भगा ले गया। 27 अप्रैल को जल्थाकोट में चमड़थल के समीप उसे पीड़िता के साथ पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपित रिंकु उर्फ राधे को विशेष न्यायाधीश के सम्मुख धारा 363, 366 क, 376, 120 आइपीसी व पोक्सो अधिनियम में मामला दर्ज किया गया।
एसआइ सुरभि राणा ने रिमांड में लेकर जिला कारागार अल्मोड़ा भेजा। उन्होंने बताया कि विशेष न्यायालय में 10 ग्वाह परीक्षित कराए।
अभियुक्त का डीएनए भी मैच हो गया। विशेष सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अभियुक्त को धारा 363 में पांच वर्ष का कठोर कारवास, पांच हजार रुपये का अर्थदंड, 366 ए में सात वर्ष का करावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड नहीं देने पर अभियुक्त को एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा। धारा 120 बी में पांच वर्ष का कठोर करावास और पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। जुर्माना नहीं देने पर एक माह का अतिरिक्त करावास भोगना होगा।