उत्तरकाशी। क्षेत्र में लगातार भारी बारिश के कारण सेब आदि नगदी फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। आसमान साफ न होने और धूप न खिलने से सेब के दाने का आकार विकसित नहीं हो पा रहा है, जिस कारण बागवान चिंतित नजर आने लगे हैं। मोरी विकासखण्ड में 90 प्रतिशत बागवानों का मुख्य व्यवसाय सेब, नासपती, आड़ू, खुमानी आदि नगदी फसलें हैं। जिनसे बागवान अपनी आजीविका चलाते हैं। इस बार लगातार अत्यधिक वर्षा होने से जहां सेब बगीचों में सेब का आकार न बनने से लोग चिंतित हैं। वहीं सेब, नाशपाती तुड़ाई का सीजन भी दो से तीन सप्ताह आगे चला गया है। आपको बता दें कि सेब के साईज बनने के लिए आसमान का साफ होना और धूप खिलनी आवश्यक माना जाता है। लगातार वर्षा होने से धूप सेब के पेड़ों को न मिलना सेब के साईज पर असर पड़ रहा है। मोरी के सेब बागवान जगमोहन सिंह राणा, गुलाब सिंह रावत, बलवीर सिंह राणा, हाकम सिंह रावत, कृपाल सिंह रावत आदि ने बताया कि इस साल लगातार अत्यधिक वर्षा होने से जहां सेब फ़सल को निकालने का सीजन दो से तीन सप्ताह लेट हो गया है, वहीं साइज भी नहीं बन पा रहा है। सेब बागवानों ने बताया कि यदि एक दो सप्ताह आसमान ठीक रहा तो साईज अच्छा बन सकता है।