बहु-विकल्पीय प्रश्नों की बजाय निर्धारित पैर्टन में ही परीक्षा कराई जाय
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। एनएसयूआई के जिला महासचिव ने शासन द्वारा बीएड प्रथम, द्वितीय वर्ष, स्नातक और स्नातकोत्तर के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं बहु-विकल्पीय प्रश्नों की बजाय निर्धारित पैर्टन में ही परीक्षाएं कराने की मांग की है। यदि जल्द ही मांग नहीं मानी गई तो छात्रसंघ और एनएसयूआई उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
एनएसयूआई के जिला महासचिव सौरव पाण्डेय ने राजकीय महाविद्यालय कोटद्वार की प्राचार्य के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को प्रेषित ज्ञापन में कहा कि सरकार और प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के प्रथम, द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में पिछले सेमेटस्टर, असाइनमेंट के आधार पर भेजने का निर्णय लिया है। जबकि स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं के अंतिम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं की परीक्षा एमसीक्यू के आधार पर कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस कोरोना महामारी के चलते भी शासन-प्रशासन को लोगों और छात्र-छात्राओं की जान से ज्यादा परीक्षाएं आयोजित करना महत्वपूर्ण नजर आ रहा है। यदि शासन द्वारा परीक्षाएं आयोजित कराना जरूरी ही है तो फिर शासन द्वारा उसी निर्धारित पैर्टन में ही आयोजित कराई जाय जो कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में अभी तक लागू है, ना कि बहु-विकल्पीय प्रश्नों के आधार पर परीक्षाएं कराई जाय। छात्र संघ कोषाध्यक्ष मेद्या कुलाश्री ने कहा कि शासन द्वारा मुक्त विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं के सभी छात्रोें को पिछले प्रदर्शन के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाय। ज्ञापन देने वालों में अभिषेक काला, पवन रावत, शिवम गर्ग, अभिषेक अग्रवाल, नरेश कोटनाला, राजा आर्य, अकुल शाह, सोहन सिंह, गौरव नेगी, सोहित नेगी, जावेद आदि शामिल थे।