अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका खारिज

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-टेरर फंडिंग मामला
नई दिल्ली,दिल्ली हाईकोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में जेल में बंद अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान शब्बीर शाह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और जांच पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि एनआईए की ओर से दाखिल पहली पूरक चार्जशीट में शब्बीर शाह के नाम का जिक्र भी नहीं है. इस मामले में जल्द ट्रायल पूरी होने की भी उम्मीद नहीं है क्योंकि इस मामले में चार सौ गवाह हैं.
बता दें कि इसके पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने शब्बीर शाह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. शब्बीर शाह ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने शब्बीर शाह की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि ये एक गंभीर अपराध है, जिसमें पाकिस्तान समेत दूसरे देशों से कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए टेरर फंडिंग को अंजाम दिया गया. इस अपराध में शब्बीर शाह ने खासी भूमिका निभाई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शब्बीर शाह के वकील से पूछा था कि आप अपने मुवक्किल से पूछिए कि क्या उसका न्यायपालिका पर भरोसा है. इसके जवाब में शब्बीर शाह के वकील ने कहा कि उसका न्यायपालिका पर भरोसा है.
ईडी के मुताबिक शब्बीर शाह जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद के भी संपर्क में था. जमात-उद-दावा पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध लगा चुका है. ईडी ने कहा कि शब्बीर शाह मोहम्मद शफी शायर के संपर्क में भी था, जो जम्मू की जेल से निकलने के बाद अपने परिवार समेत पाकिस्तान भाग गया था. ईडी ने कहा कि इन गंभीर अपराधों की अभी आगे जांच करनी है. ऐसे में अगर शब्बीर शाह को रिहा किया गया तो पूरी साजिश का पता लगाने की प्रक्रिया को झटका लगेगा.
शब्बीर शाह फिलहाल तिहाड़ जेल में दो मामलों में जेल में बंद है. एक मामला टेरर फंडिंग का है और दूसरा मनी लाउंड्रिंग का है. शब्बीर शाह के खिलाफ 2005 के मनी लाउंड्रिंग के केस में 2007 में केस दर्ज किया गया था. शब्बीर शाह को 25 जुलाई 2017 को ईडी ने गिरफ्तार किया था.

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