तीन दिन से धधक रहे देवप्रयाग के सटे बेली के जंगल

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नई टिहरी : तीर्थनगरी देवप्रयाग की सीमा से लगे बेली के जंगल तीन दिन से आग की चपेट में हैं। करीब पांच किमी. तक धूं धूं कर जल रहे जंगलों से यहां लाखों की वन संपदा स्वाहा हो चुकी है। रात-दिन जल रहे जंगलों से तीर्थनगरी में जहां धुआं छाया हुआ है, वहीं तापमान में भी खासी बढ़ोतरी हो गयी है। भागीरथी तट से लगे बेलेश्वर महादेव की पहाड़ी पर आग ने कई हेक्टेयर तक के जंगलों को अपने चपेट में ले लिया है। आग यहां से पांच किमी. दूर महडगांव के जंगलों तक फैल चुकी है। क्षेत्र का मुख्य चारागाह होने से काफी संख्या में पशुपालक बेली के जंगल पर निर्भर हैं। इससे उनको चारे का संकट भी बन सकता है। यहां से गुजरने वाली बिजली की हाईटेंशन लाइन के काफी करीब तक आग पहुंची है। बड़ी संख्या में पेड़ और झाड़ियां जलने से इस पहाड़ी से राजमार्ग पर पत्थरों के गिरने का खतरा भी बढ़ गया है। पर्यावरण मित्र बिलेश्वर झल्डियाल ने पृथ्वी दिवस पर आग से हो रहे प्रकृति के निर्मम विनाश को दुखदायी बताया है। उन्होंने आम लोगों से जंगलों को बचाने की अपील भी की। वहीं वन विभाग की बेली के जंगलों में आग बुझाने की कोशिशें नाकाफी दिखी। आग को काबू करने के लिए लोगों को बारिश का इंतजार बना हुआ है। (एजेंसी)

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