पेपर लीक के आरोपियों को मेरिट लिस्ट में शामिल करने के आदेश पर रोक
नैनीताल। फरेस्ट गार्ड भर्ती पेपर लीक के आरोपियों को मेरिट लिस्ट में शामिल करने के एकलपीठ के आदेश पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। साथ ही विपक्षी प्रीति समेत तीन अन्य को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने यह रोक फरेस्ट गार्ड भर्ती पेपर लीक करने के मामले में यूकेएसएसएससी द्वारा एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली दायर विशेष अपील के बाद लगाई है। पूर्व में कोर्ट की एकलपीठ ने इस पेपर लीक के आरोपियों को मेरिट लिस्ट में शामिल करने के आदेश दिए थे। एकलपीठ में इन आरोपियों ने कहा था उनके खिलाफ चार्जशीट निरस्त कर दी गई है। लिहाजा उनको नौकरी दी जाए और मेरिट लिस्ट में शामिल किया जाए। 2 मार्च 2022 को एकलपीठ ने इन आरोपियों के पक्ष में फैसला दिया था। जिसको यूकेएसएसएससी ने उच्च न्यायलय की खंडपीठ में चुनौती दी है।
मामले के अनुसार 2018 में फरेस्ट गार्ड भर्ती पेपर लीक मामले में 100 से ज्यादा आरोपी बनाए गए थे। जिन पर पेपर लीक वाट्सएप और ब्लूटूथ से करने का आरोप था, लेकिन बाद में आरोपियों ने हाईकोर्ट में कहा कि उनके खिलाफ चार्जशीट निरस्त हो गई है। लिहाजा उनको नौकरी दी जाए। एकलपीठ ने उनके हक में फैसला दिया। उस आदेश को यूकेएसएसएससी ने खंडपीठ में चुनौती दी। यूकेएसएसएससी ने अपनी विशेष अपील में कहा है कि इन्हें न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली थी। इन्होंने शिकायतकर्ता के साथ न्यायालय में आपसी समझौता कर लिया था। इसलिए इन्हें इसका लाभ नहीं दिया जा सकता।