डिलीवरी के लिए हुए ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में छोड़ी पट्टी, नौ महीने बाद इंफेक्शन से हुई मौत

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देहरादून। नौ महीने पहले डिलीवरी के लिए हुए ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने महिला के पेट में पट्टी छोड़ दी। इसके बाद महिला की कई बार तबीयत खराब हुई लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने कोई गौर नहीं किया। तीन दिन पहले महिला को ग्राफिक एरा अस्पताल ले जाया गया तो वहां सच्चाई सामने आई। अब फिर ऑपरेशन हुआ तो इंफेक्शन अधिक होने से उसकी मौत हो गई।
परिजन महिला के शव को जहां डिलीवरी हुई उस अस्पताल के सामने लाए और हंगामा शुरू कर दिया। मामले की प्राथमिक जांच के बाद सीएमओ ने मदर केयर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कराने के साथ ही इसे सील करा दिया। अब तीन सदस्यीय समिति गठित कर जांच शुरू कर दी गई है। इंस्पेक्टर डालनवाला मनोज मैनवाल ने बताया कि क्षेत्र के अस्पताल मदर केयर के सामने कुछ लोगों ने सोमवार को प्रदर्शन किया।
एक महिला की लाश को अस्पताल के सामने रखकर हंगामा किया जा रहा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया और सीएमओ को सूचना दी गई। इसके बाद परिजनों ने बताया कि लक्खीबाग निवासी प्रज्वल की पत्नी 26 वर्षीय ज्योति की मदर केयर अस्पताल में 29 जनवरी 2025 को डिलीवरी हुई थी।
प्रज्वल सहारनपुर चौक पर पंक्चर की दुकान चलाते हैं। ऑपरेशन के बाद ज्योति ने एक बेटी को जन्म दिया। कुछ दिन तक डॉक्टरों की निगरानी में रखकर उन्हें छुट्टी दे दी गई। इसके कुछ दिन बाद ज्योति को पेट में दर्द हुआ। उसे फिर मदर केयर अस्पताल लाया गया। यहां ज्योति की जांच की गई लेकिन डॉक्टरों ने सब कुछ सामान्य बता दिया। कुछ दिन बाद फिर से यही समस्या आई और अस्पताल ने फिर वही कि कहा कि कुछ नहीं है और दवाई देकर चलता कर दिया। दर्द बढ़ता गया।
ज्योति के पति प्रज्वल ने बताया कि ज्योति रात-रात भर सो नहीं पा रही थी। ऐसे में उसे तीन दिन पहले ग्राफिक एरा अस्पताल ले जाया गया। यहां पर पता चला कि ज्योति के पेट में इंफेक्शन अधिक हो गया है। उन्होंने जांच की तो ऑपरेशन की सलाह दी। इसके बाद शनिवार को ऑपरेशन हुआ तो चौंकाने वाली बात सामने आई। ऑपरेशन के बाद ज्योति के पेट से पट्टी को निकाला गया। परिजनों का कहना है कि यह पट्टी डिलीवरी के लिए हुए ऑपरेशन के दौरान ज्योति के पेट में छोड़ दी गई थी। इसी से ज्योति के पेट में इंफेक्शन हो गया। ज्योति ने रविवार देर रात दम तोड़ दिया।
अस्पताल सील, रजिस्ट्रेशन रद्द: सीएमओ डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि घटना की प्राथमिक जांच के बाद अस्पताल को सील करा दिया गया है। इस अस्पताल का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया है। साथ ही जांच के लिए एसीएमओ की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देशित किया गया है।

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