निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मियों ने किया प्रदर्शन
केंद्र सरकार से की बैंकों के निजीकरण के एलान को वापस लेने की मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
केंद्र सरकार की ओर से बैंकों के निजीकरण करने का यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने विरोध किया है। दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बैंक कर्मियों ने जल्द बैंकों के निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
गुरुवार को विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने देवी रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के समीप प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने कहा कि निजी बैंक सदैव जनता पर अनावश्यक सेवा शुल्क लगाकर उनसे ज्यादा ऋण वसूलते हैं। निजी बैंक आमजनता के साथ धोखा कर खुद को दिवालिया दिखाकर जनता का पैसा हड़प लेते हैं। कहा कि वर्ष 1969 से पहले देश के 736 बैंक दिवालिया हो चुके थे, उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बैंक का राष्ट्रीयकरण किया था।
राष्ट्रीयकृत बैंकों ने आमजनता के लिए योजनाएं बनाकर उनके फायदे के लिए काम किया, लेकिन अब वर्तमान की केंद्र सरकार राष्ट्रीयकृत बैंकों को निजी हाथों में बेच रही है। सरकार के इस निर्णय से बैंकों में जनता जनता के पैसे की सुरक्षा नहीं हो पाएगी। कहा कि हम सभी देशवासियों को बैंक बचाने के लिए एकजुट होना होगा। इस मौके पर यूनियन के संयोजक डीपीपएस बिष्ट, वीरेंद्र सिंह रावत, हरजीत सिंह, रमेश नेगी, रचित रावत, शालिनी खर्कवाल, राहुल नेगी, मदन असवाल, सुरेंद्र गुसाईं, कुलदीप गुसाईं, सिवांगी असवाल, आशीष बौड़ाई, हरेंद्र चौहान आदि मौजूद रहे।