बंकिम चंद्र चटर्जी को वंदेमातरम के सामूहिक गायन से किया याद
देहरादून। भारत विकास परिषद की सभी आठ शाखाओं ने राष्ट्रगीत वंदेमातरम के रचियता बंकिम चंद्र चटर्जी को वंदेमातरम के सामूहिक गायन से याद किया। वक्ताओं ने बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखित आनंदमठ और वंदेमातरम के तैयार होने के बारे में बताया। एसजीआरआर मेडिकल कालेज पटेलनगर के अडिटोरियम में सामूहिक वंदेमातरम गायन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि षि मन्त्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राष्ट्रगीत वन्देमातरम स्वतंत्रता आंदोलन का मूलमन्त्र बना, जहां आजादी के दीवाने वन्दे मातरम गाते हुये निकल पड़ते थे और अपनी जान पर खेलने को तैयार रहते थे। भारत विकास परिषद ने आजादी के अमृत महोत्सव पर सामूहिक वन्दे मातरम गायन से नवयुवकों को सन्देश दिया। इसके लिये भारत विकास परिषद बधाई का पात्र है। दून विश्वविद्यालय की कुलपति डा। सुरेखा डंगवाल ने कहा कि बंकिमचन्द्र चटर्जी द्वारा लिखी गयी 9 रचनाओं मे से आनंदमठ सबसे प्रसिद्घ उपन्यास था, जो 1882 में प्रकाशित हुआ। आनंदमठ में ईस्ट इंडिया कंपनी के वतन के लिए मर मिटने वाले भारतीय मुसलमानों और संन्यासी ब्राह्मण सेना का वर्णन किया गया है। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इसे संगीतबद्घ किया। राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, मेयर सुनील उनियाल श्गामाश् भी भारत विकास परिषद की सराहना की। अध्यक्षता भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील खेड़ा ने की। बैण्ड प्रस्तुति में देश भक्ति गीतों सभी को देश प्रेम से भर दिया। कार्यक्रम के संयोजक एसएस कोठियाल, डा। मुकेश गोयल ने संचालन किया। सामूहिक वन्दे मातरम गायन निशा मारकण्डेय संगीत एकाडमी के बालक-बालिकाओं ने किया। मौके पर सहसंयोजक ष्ण कुमार अरोड़ा, प्रान्तीय अध्यक्ष बृज प्रकाश गुप्ता, महासचिव मनीषा सिंहल, उपाध्यक्ष पंडित सुबास चन्द्र शतपथी, वित्त सचिव रोहित कोचगवे, महिला संयोजिका सुगन्ध जैन ,भारत विकास परिषद देहरादून की क्लेमनटाउन, द्रोण, निंरजनपुर, समर्पण, देहरादून ग्रेटर शाखा, मानक सिद्घ व रानी लक्ष्मीबाई आदि शाखाओं के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, महिला संयोजिका एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहे।