बैंकों के निजीकरण करने के फैसले से भड़के बैंक कर्मी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। केन्द्र सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण करने के फैसले से बैंक कर्मियों में आक्रोश है। केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया बैंक इम्पलाईज एसोसिएशन के केन्द्रीय नेतृत्व के आह्वान पर सोमवार को देशव्यापी विरोध दिवस के तहत कोटद्वार के बैंक कर्मचारियों ने पूरे दिन बैज पहनकर काम करते हुए अपना विरोध दर्ज किया। बैंक कर्मियों ने केन्द्र सरकार से देश एवं जनहित में बैंकों का निजीकरण न करने की मांग की।
उत्तराचंल बैंक इम्पलाईज यूनियन के जिला मंत्री वीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी की जाने वाली जन कल्याणकारी योजनाओं को सरकारी बैंक पूर्ण रूप से लागू कर आम जनता को उसका फायदा पहुंचाते हुए देश के विकास में अहम भूमिका निभाते है। इसलिए पूर्व में सरकार ने बैंकों का राष्ट्रीकरण किया था। इतिहास गवाह है कि पूर्व में बहुत सारे निजी बैंक दिवालिया हुए तब सरकार ने उन दिवालिया बैंकों को सरकारी बैंकों में मर्ज करके जनता के पैसों को सुरक्षित रखा गया। अब केन्द्र सरकार चंद पूजीपतियों के हाथों में सरकारी बैकों को बेचकर देश एवं देशवासियों के साथ ख्लिवाड़ करने का काम कर रही है। जिसक बैंक कर्मियों के साथ-साथ देश की जनता भी विरोध कर रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार से बैकों के निजीकरण करने के इस निर्णय को तुरन्त वापस लेने की मांग की। सरकार ने जल्द ही उनकी मांग नहीं मानी तो बैंक कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल को मजबूर होगें। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की होगी।