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बारिश से नकदी फसलों को फायदा पहुंचा

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नई टिहरी। चंबा-मसूरी फलपट्टी के लिए बारिश वरदान साबित हुई है। बीते दिन निचले क्षेत्रों में बारिश होने व ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर हिमपात होने से राज्य की प्रसिद्ध फलपट्टी में शुमार चंबा-मसूरी फलपट्टी में नकदी फसलों को फायदा पहुंचा है। यहां पर मटर सहित कई नकदी फसल बिना बारिश के सूखने की कगार पर पहुंची चुकी थी, लेकिन बारिश से काफी राहत मिल है। 40 किमी में फैली चंबा-मसूरी फलपट्टी सेब उत्पादन के साथ ही नकदी फसलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर नकदी फसलों में सबसे ज्यादा मटर का उत्पादन किया जाता है। हालांकि लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण मटर की फसल को नुकसान भी पहुंचा है। लेकिन जो कुछ फसल है उसे चार दिन हुई बारिश से फायदा पहुंचा है। पिछले चार माह से बारिश नहीं होने के कारण फलपट्टी के काश्तकार परेशान थे। यहां के काश्तकार बारिश पर ही निर्भर रहते हैं। बारिश नहीं होने से मटर की पौधों में वृद्धि नहीं हो पाई और कुछ जगह तो फसल सूख गई थी। फलपट्टी में मटर का इतना अधिक उत्पादन होता है कि यहां से सीजन पर हर रोज तीन ट्रक मटर मंडियों में पहुंचता है। काश्तकार भी लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे थे। बीते दिनों हुई बारिश व हल्की बर्फबारी से सूखने की कगार पर पहुंची नकदी फसल बेकार होने से बच गई। खासकर घाटी में उगाई जा रही गोभी के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद मानी जा रही है। हालांकि अभी भी फसलों को बारिश की आवश्यकता है। लेकिन बीते दिन हुई बारिश से काश्तकारों के चेहरे खिले हैं।
इन फसलों का हो रहा उत्पादन- मटर, राई, पालक, धनिया, शिमला मिर्च, फुल गोभी, टमाटर, मूली।

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