उत्तराखंड

बसौली-नाई ढौल मोटर मार्ग का 14 साल बाद भी नहीं मिल पाया मुआवजा

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अल्मोड़ा। सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवजा 14 साल बाद भी ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है, जबकि साल 2014 में ही उक्त मोटर मार्ग का काम पूर्ण हो चुका है। पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित बसौली-नाई ढौल मोटर मार्ग तथा मनान-क्लेथ-नाई ढौल मोटर मार्ग में अधिग्रहित भूमि का मुआवजा 14 साल बाद भी नहीं मिला है। जिसको लेकर ढौल में संसाधन पंचायत व वन पंचायत की संयुक्त बैठक हुई। इस दौरान मोटर मार्ग हेतु अधिग्रहित की गयी भूमि का 14 वर्ष बाद भी मुआवजा न मिलने पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए मुआवजा भुगतान यथाशीघ्र करने की मांग की गई। वन पंचायत द्वारा बनाए गये उप नियमों की समीक्षा करने के साथ ही उसकी सुरक्षा का संकल्प लिया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बसौली नाई-ढौल पोखरी मोटर मार्ग वर्ष 2005 में स्वीकृत हुआ था। 2010 में इस मोटर में कार्य प्रारंभ हुआ और 2014 में मोटर मार्ग निर्माण कार्य भी पूर्ण हो गया, लेकिन मोटर मार्ग हेतु अधिग्रहित की गई भूमि का 14 वर्ष बाद भी मुआवजा भुगतान नहीं किया गया है। यही स्थिति मनान-क्लेथ-नाई ढौल मोटर मार्ग की है। उन्होंने कहा कि इन मोटर मार्गों के निर्माण में बड़ी मात्रा में ग्रामीणों की भूमि उपयोग में लाई गई है, लेकिन आज तक मुआवजा नहीं दिया गया। मोटर मार्ग निर्माण में निकले मलबे से काश्तकारों के कई खेत, सिंचाई गूल, सिंचाई टैंक और रास्ते क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। उनके पुनर्निर्माण की मांग की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही इन मामलों को लेकर एक शिष्टमंडल संबंधित विभागों एवं जिला प्रशासन से मुलाकात करेगा। मांगों पर कार्रवाई न होने पर ग्रामीण आंदोलनात्मक कार्रवाई करने को बाध्य होंगे। इस अवसर पर संसाधन पंचायत की सचिव हेमा भंडारी, रेवती भंडारी, पिंकी नयाल, सरपंच पूरन सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य हेमा भंडारी, दीप्ति भोजक, ठाकुर सिंह, मोहन सिंह, नरेन्द्र सिह, ईश्वर जोशी. देवेन्द्र सिंह, बचे सिंह सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।

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